केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफनामा दायर करने जा रही है जिसमें वह बतायेगी कि जामिया मीलिया इस्लामिया को अल्पसंख्यक दर्जा देना एक गलती थी.

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार  मानव संसाधन विकास मंत्रालय अदालत को यह बतायेगी कि जामिया मीलिया की स्थापना पार्लियामेंट के एक्ट के तहत की गयी थी और केंद्र सरकार इसके लिए धन मुहैया करती है. याद रहे कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 2011 में जामिया को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान घोषित किया था.

 

इससे पहले पिछले ही साल स्मृति ईरानी जब मानव संसाधन विकास मंत्री थीं तो उन्होंने कहा था कि सरकार अपने स्टैंड को बदल सकती है. उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार अदालत में हलफनामा दायर कर के कह सकती है कि इसे अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा रद किया जाये.

 

By Editor


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