सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने नागरिकों को वायु गुणवत्ता संबंधी एक अभियान ‘‘जिम्मेवारी के साथ मनायें दीवाली’’ से जुड़ने की विनम्र अपील की है और शहर में वर्तमान एयर क्वालिटी की गंभीरता और मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए ‘पब्लिक हेल्थ एडवायजरी (जनस्वास्थ्य संबंधी सलाह)’ जारी की है।
आगामी दिनों में मौसमी कारणों से और दीवाली के दौरान आतिशबाजी और पटाखों के इस्तेमाल से हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होगी, जिससे स्थिति और गंभीर होती जायेगी।
पिछले साल दीवाली के दौरान पटना की एयर क्वालिटी में आंके गये प्रदूषित धूलकणों/पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) का स्तर राष्ट्रीय औसत से 4 गुना ज्यादा था। पिछली दीवाली के समय 16 से 22 अक्तूबर, 2017 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स को ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ केटेगरी में दर्ज किया गया था।
हाल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये दूरगामी निर्णय पर टिप्पणी करते हुए सीड के चीफ एक्जीक्युटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा कि ‘‘वायु प्रदूषण उत्सर्जन स्तर में कमी लाने के लिए और एयर क्वालिटी को सुधारने के लिए किसी भी कदम का स्वागत किया जाना चाहिए। हम दीवाली के उमंग व उत्साह में पटाखे जलाते हैं, आतिशबाजी करते रहे हैं, लेकिन इसका नुकसान हमें जन स्वास्थ्य पर घातक दुष्प्रभाव के रूप में उठाना पड़ता है। ऐसे में हमें जिम्मेवारीपूर्ण व्यवहार करना चाहिए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए। सरकारी एजेंसियों व प्राधिकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्ती व कुशलता से अनुपालन हो।’’
यह बात महत्वपूर्ण है कि सीड के इस अभियान को कई स्कूलों, डॉक्टर्स, अकादमिक जगत, माताओं, वरिष्ठ नागरिकों तथा बुद्धिजीवियों का अपार समर्थन व सहयोग मिला है और उन्होंने अब दीवाली जिम्मेवारीपूर्ण ढंग से मनाने का वचन दिया है। बिहार के माननीय उपमुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी ने भी इस अभियान का स्वागत व समर्थन किया है और लोगों से अपील की है कि वे जिम्मेवारीपूर्वक दीवाली का त्योहार मनाएं।
शहर की वर्तमान वायु गुणवत्ता के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने बताया कि ‘‘अभी जाड़े के दिन शुरू हुए हैं और पटनामें वायु प्रदूषण को अलार्मिंग स्तर पर आंका गया है और एयर क्वालिटी पिछले दस दिनों (25 अक्तूबर से 3 नवंबर के बीच) में से तीन दिन ‘बेहद खराब’ और सात दिन‘खराब’ केटेगरी में दर्ज की गयी है। ऐसी बात नहीं है कि हम वायु प्रदूषण के प्रति अनजान हैं। हम जानते हैं कि जाड़े के मौसम में जब तापमान और हवी की गति कम होती है,तब प्रदूषित धूलकण/ पर्टिकुलेट मैटर बढ़ते हैं, लेकिन यह सब जानने के बावजूद हम तैयार नहीं हैं। वास्तव में हमें इसे एक गंभीर समस्या मान कर इससे निबटने के लिए दीर्घकालिक निवारक उपाय और तात्कालिक इमरजेंसी कदम उठाने की जरूरत है। यह आवश्यक है कि सरकार, जो दीर्घकालिक निवारक उपाय व रणनीतियां तैयार कर रही है, भी एक स्पष्ट इमरजेंसी एक्शन प्लान बनाये और इसे अविलंब लागू करे। इस प्लान के अनुसार शहर में गंभीर होते वायु प्रदूषण के आवधिक दिनों में प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को सख्ती से अनुपालन करना सुनिश्चित करना चाहिए।’’
वर्तमान स्थिति की गंभीरता और आगामी दीवाली में आसन्न विकट परिस्थिति को देखते हुए सीड ने इस त्योहार के पहले और बाद में एयर पॉल्युशन के ‘एक्सपोजर’ को कम करने के लिए पब्लिक हेल्थ एडवायजरी जारी की है, जो इस प्रकार है-
- अपने शहर में एयर क्वालिटी में सुधार के लिए वायु प्रदूषण संबधी एक एप्प ‘SAMEER’ (समीर) या ऑनलाइन स्रोत (ऑनलाइन AQI) पर नजर रखें।
- बूढ़े, बीमार, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और हृदय व फेफड़े संबंधी बीमीरियों से पीड़ित लोग इन दिनों घर से यथासंभव बाहर न निकलें और अपनी बाहरी गतिविधियां व दिनचर्या को सीमित रखें।
- ज्यादा थका देनेवाली शारीरिक गतिविधियां व एक्सरसाइज जैसे टहलना, साइकिलिंग, दौड़ना, जॉगिंग पर रोक लगाएं या आउटडोर गेम खेलने से बचें, क्योंकि दीवाली के बाद के दिनों की सुबह में वायु प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा होता है।
- किसी तरह की सांस की तकलीफ, छाती में जकड़न व बेचैनी आदि को नजरअंदाज नहीं करें।