देश को एक बाजार बनाने एवं एक समान अप्रत्यक्ष कर तंत्र वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक अप्रैल 2017 से लागू करने की तैयारियों में तेजी लाने के उद्देश्य से वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की आज यहां पहली बैठक हुयी।
श्री जेटली ने बैठक के बाद कहा कि सच्चे संघवाद भाव में यह बैठक हुयी है और जीएसटी के तहत छूटों के लिए दो सुझाव मिले हैं। उन्होंने कहा कि नये कर से छूट की सीमा पर शीघ्र की एक राय कायम होने की उम्मीद है। केन्द्रीय वित्त मंत्री और दोनों वित्त राज्य मंत्रियों के साथ ही देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्री इस परिषद में है। ऐसा समझा जा रहा है कि इस बैठक में जीएसटी दर तथा कर लगाने के केन्द्र और राज्यों की शक्तियों पर विचार विमर्श हुआ है।
जीएसटी एक अप्रत्यक्ष कर है, जिसमें केन्द्रीय और राज्य बिक्री करों को सम्माहित कर दिया गया है।
आजादी के बाद देश में अप्रत्यक्ष कर की दिशा में सबसे बड़े सुधार जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को संसद ने सर्वम्मति से पारित किया था और अब तक इसे 18 राज्य अनुमोदित कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी को लागू करने की तैयारियों का गत 14 सितंबर को समीक्षा की थी और इस बैठक में श्री जेटली के साथ ही दोनों वित्त राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। श्री मोदी ने इस बैठक में जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से लागू करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे।