केंद्र सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर को और अधिक सरल एवं सुगम बनाने के लिए जीएसटी परिषद की विधि समिति के साथ एक परामर्श समूह गठित किया है, जो इस महीने के अंत अपनी रिपोर्ट देगा। यह परामर्श समूह जीएसटी क़ानून एवं उसके नियमों में बदलाव के बिंदुओं पर विचार कर अपनी सिफ़ारिशें विधि समिति को देगा। समूह में अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल सहित पांच व्यक्तियों को शामिल किया गया है। समूह का संयोजक केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के पूर्व मुख्य आयुक्त गौतम रे को बनाया गया है।
इसके अन्य सदस्यों में सेंटर फ़ॉर लीगल पॉलिसी के शोध अर्ध्यसेन गुप्ता, चार्टर्ड अकाउंटेंट विनोद जैन, भारतीय निर्यातक महासंघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय सहाय एवं लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष ओम प्रकाश मित्तल हैं।
समूह में शामिल श्री खंडेलवाल ने बताया की समूह की पहली बैठक आगामी आठ नवंबर को होगी, जिसमें जीएसटी क़ानून एवं नियमों के हर पहलू पर गम्भीरतापूर्वक चर्चा होगी और प्रस्तावित बदलावों की सिफ़ारिशें क़ानून समिति को 30 नवम्बर तक सौंपी जाएंगी। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर क़ानून समिति के साथ बैठक भी की जाएगी । सरकार के इस क़दम का स्वागत करते हुए श्री खंडेलवाल ने कहा की जीएसटी क़ानून को लेकर आपसी सहमति बनाने की दिशा में सरकार का यह पहला ठोस क़दम है और निश्चित रूप से जीएसटी की कठिनाइयां दूर होंगी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जीएसटी परिषद में व्यापारियों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।