देश में समान कर व्यवस्था का प्रावधान करने के वाले वस्तु एवं सेवा कर( जीएसटी) से संबंधित संविधान संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी परिषद और इसके सचिवालय के गठन का प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। जीएसटी परिषद का गठन संविधान के अनुच्छेद 278 ए के तहत किया जाएगा और इसका सचिवालय नयी दिल्ली में होगा। राजस्व सचिव जीएसटी परिषद के पदेन सचिव होंगे। इसमें केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष को स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा, लेकिन उन्हें मतदान का अधिकार नहीं होगा ।
मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ फैसला
जीएसटी परिषद के लिए इसके कार्यालय में अवर सचिव का पद सृजित किया जाएगा और यह केंद्र स्तर पर अवर सचिव स्तर का अधिकारी होगा। इसके अतिरिक्त परिषद के कार्यालय में चार आयुक्त होंगे। ये अधिकारी केंद्रीय स्तर पर संयुक्त सचिव के स्तर के होंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में जीएसटी परिषद को बैठकों और दिन प्रतिदिन के व्यय उपलब्ध कराने पर विचार किया गया और निर्णय लिया गया कि इसका पूरा व्यय केंद्र सरकार वहन करेगी। जीएसटी के सभी अधिकारी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से प्रतिनियुक्ति पर लिए जाएंगें।
जीएसटी लागू करने कार्यक्रम तय करने लिए केंद्रीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की पहली बैठक नयी दिल्ली में 22 और 23 सितंबर को आयोजित करेंगे। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने देश में जीएसटी लागू करने के लिए संविधान (122 वां संशोधन) विधेयक 2016 पर आठ सितंबर को अपनी सहमति दी थी। संविधान के अनुच्छेद 279 ए के अनुसार इस अनुच्छेद के लागू होने के 60 दिन के भीतर राष्ट्रपति जीएसटी परिषद का गठन करेंगे।