वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) का कांग्रेस द्वारा किये जा रहे विरोध के मद्देनजर आर्थिक सुधारों जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वसम्मत राय कायम किये जाने और इसको दलगत राजनीति से ऊपर रखने का आह्वान किया। श्री जेटली ने कहा कि जीएसटी से जुडे संविधान संशोधन विधेयक को कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने लाया था लेकिन अब कांग्रेस ने यू टर्न ले लिया और इस प्रस्तावित विधेयक का विरोध कर रही है, जिससे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के लिए कठिन स्थिति उत्पन्न हो गयी है।
उन्होंने आर्थिक सुधारों पर सकारात्मक चर्चा की आवश्यकता बताते हुये आश्चर्य व्यक्त किया कि संप्रग सरकार में वित्त मंत्री के रूप में जीएसटी विधेयक को तैयार करने वाले पी चिदंबरम विलासिता की वस्तुओं का जीएसटी से बाहर रखने की कैसे सुझाव दे सकते हैं। श्री जेटली ने चौथे वार्षिक विकास एनईटी शिखर सम्मेलन में कहा कि इसके मद्देजनर आर्थिक सुधारों पर परिपक्व परिचर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस के राज्यसभा में जीएसटी विधेयक का विरोध किये जाने का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि क्या ऊपरी सदन का उपयोग मुख्य आर्थिक सुधारों में बाधा उत्पन्न के लिए किया जा सकता है। उन्होंने इसे अस्वस्थ लोकतांत्रिक रवैया बताते हुये कहा कि निवार्चित प्रतिनिधियों के सदन लोकसभा की महत्ता को बनाये रखा जाना चाहिए।