कांग्रेस ने वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) लागू करने के लिए संसद के केंद्रीय कक्ष में आधी रात को आयोजित किए जा रहे समारोह को ‘तमाशा ’ करार देते हुए आज कहा कि यह आजादी के आंदोलन का अपमान है और वह इस जश्न में हिस्सा नहीं लेगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, आनंद शर्मा तथा जयराम रमेश ने नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में आयोजित विशेष संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आधी रात का जश्न अब तक देश की आजादी के संदर्भ में सिर्फ तीन बार आयोजित किया गया है। इस तरह का पहला जश्न 1947 में आजादी मिलने के अवसर पर मनाया गया था। उसके बाद आजादी की रजत जयंती पर 1972 में तथा तीसरी बार आजादी की स्वर्ण जयंती पर 1997 में इस तरह का समारोह आयोजित किया गया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि देश का किसान आत्महत्या कर रहा है और अल्पसंख्यकों की पीट पीट कर हत्या की जा रही है। महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहे हैं और उनकी चीख पुकार कोई नहीं सुन रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी जश्न की तुलना आजादी के समारोह से नहीं की जा सकती है। मोदी सरकार जवाबदेही से भाग रही है और ज्वलंत मुद्दों पर गैरजिम्मेदारी से काम कर रही है , इसलिए कांग्रेस ने आधी रात को आयोजित किए जा रहे इस समारोह में हिस्सा नहीं लेने का निर्णय लिया है।