देश में 01 जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की ओर बढ़ते हुये सरकार ने इससे जुड़े चार विधेयकों को आज मंजूरी प्रदान कर दी, जिससे अब उसे जारी बजट सत्र में ही संसद में पेश किये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की नई दिल्ली में हुयी बैठक में जीएसटी से संबंधित केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सी-जीएसटी) विधेयक, समन्वित वस्तु एवं सेवा कर (आई-जीएसटी) विधेयक 2017, केन्द्र शासित प्रदेश वस्तु एवं सेवाकर (यूटी-जीएसटी) विधेयक 2017 और वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक 2017 (मुआवजा विधेयक) को मंजूरी प्रदान की गयी। इन चारों विधेयकों को जीएसटी परिषद पिछले छह महीनों में अपनी विभिन्न बैठकों में अनुमोदित कर चुकी है। सी-जीएसटी विधेयक में केन्द्र सरकार द्वारा राज्य वस्तु अथवा सेवाओं पर अधिभार एवं कर के संग्रहण के प्रावधान किए गए हैं। आईजीएसटी विधेयक में केन्द्र सरकार द्वारा वस्तु और सेवाओं पर अधिभार एवं कर के संग्रहण के प्रावधान हैं। यूटी-जीएसटी विधेयक में संघ शासित क्षेत्रों में वस्तु एवं सेवाओं पर संग्रहण के अधिभार के प्रावधान किए गए हैं। संविधान के 101वां संशोधन अधिनियम, 2016 के अनुसार, पाँच वर्ष की अवधि के लिए वस्तु एवं सेवाकर के कार्यक्रम के फलस्वरूप राज्यों को होने वाले नुकसान के लिए इस मुआवजा विधेयक में मुआवजे का प्रावधान किया गया है।