आईजीआईएमएस, पटना में ‘ ब्रेनस्टेम डेथ वर्कशाप’ और दिव्यदृष्टि आई सेन्टर, की ओर से आयोजित ‘कार्निया प्रत्यारोपण सुविधा केन्द्र’ का अलग-अलग कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के साथ उद्धाटन के उपरांत उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीते जी नेत्रदान और मरने के बाद अंगदान कर हम अमर हो सकते हैं।
जीवन में अगर किसी को कोई अच्छा काम करने का मौका नहीं मिला तो वह मरने के बाद अंगदान के जरिए दूसरों को जीवन देकर अच्छा काम कर सकता है। अंगदान के लिए बड़ा अभियान चलाने की जरूरत है।
श्री मोदी ने कहा कि मानव के भीतरी अंग किसी लैब में नहीं बनाए जा सकते हैं। लाखों लोग कार्निया, किडनी और लीवर खराब होने से असमय मौत के षिकार होते हैं। ये अंग उन्हें कोई व्यक्ति द्वारा दान देकर ही उनकी जिन्दगी को बचा सकता है। मगर जागरूकता के अभाव में लोग अंगदान के लिए प्रेरित नहीं हो रहे हैं।
बिहार अंगदान के मामले में काफी पीछे हैं। मगर पिछले कुछ सालों के प्रयास के बाद आईजीआईएमएस पटना में 203 कार्निया तथा 35 किडनी का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण हुआ है। आने वाले दिनों में लीवर का प्रत्यारोपण भी यहां संभव होगा। राज्य का पहला आईबैंक आईजीआईएमस में स्थापित हो चुका है। जल्द ही पीएमसीएच में भी आईबैंक की स्थापना हो जायेगी। अगले दो-तीन महीने में राज्य के सभी मेडिकल काॅलेजों में सरकार आई बैंक स्थापित करने जा रही है।
श्री मोदी ने कहा कि देष में प्रतिवर्ष लाखों लोगों को कार्निया, किडनी, लीवर व अन्य अंगों की आवष्यकता पड़ती है। नेत्रदान को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार एक बड़ा अभियान चला कर लोगों को जागरूक करेगी। दधीचि देहदान समिति और उससे जुड़े लोगों के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि अब मृतक के परिजन नेत्रदान के लिए फोन कर सूचित कर रहे हैं। जैसे-जैसे जागरूकता बढ़ेगी, ज्यादा से ज्यादा लोग आगे आयेंगे।