भाजपा के ‘शहंशाह’ अमित शाह पटना में जलवा बिखेर कर लौट गये। भाषण और भोजन दोनों जमकर हुआ। पार्टी के मंच पर भाषण और सरकार के आंगन में भोजन। भाषण का स्वर और भोजन का स्वाद समय और जगह के आधार पर बदलता रहा। 2010 में नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी की ‘थाली’ छीनकर अपनी मजबूती का अहसास कराया था और 2018 में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए ‘पत्तल’ बिछाकर मजबूरी का इजहार भी कर दिया। सरकारी आंगन (राजकीय अतिथिशाला) में जूठन छोड़कर अमित शाह ने नीतीश को आश्वस्त कर दिया कि फिलहाल आपकी कुर्सी पर कोई खतरा नहीं है। लेकिन ‘फिर से नीतीशे कुमार’ का भरोसा नहीं दे पाये। शाह ने बापू सभागार में कहा कि बिहार में नीतीश बाबू और सुशील मोदी की सरकार है। यानी नीतीश के साथ मोदी को ‘नत्थी’ जरूर कर दिया। शाह ने कहा कि नीतीश साथ हैं चुनाव जीत लेंगे। प्रकारांतर में भाजपा के कार्यकर्ताओं की मेहनत पर पानी फेर दिया। बिहार भाजपा ने अपने कार्यकर्ताओं से ज्यादा जदयू के कार्यकर्ताओं पर भरोसा किया है और अमित शाह ने इस भरोसे पर मुहर भी लगा दी।
वीरेंद्र यादव
हर गतिविधि को फेसबुक पर अपडेट करते रहे अमित शाह
अमित शाह ने अपनी बिहार यात्रा को लेकर फेसबुक पर कुल छह पोस्ट किया है। पोस्ट का यह सिलसिला हवाई अड्डा से लेकर भाजपा कार्यालय में नानाजी देशमुख ई-लाईब्रेरी का शुभारंभ तक जारी रहा। उन्होंने पहला पोस्ट दोपहर 12.54 बजे अपडेट किया, जिसमें हवाई अड्डा की तस्वीर डाली। दूसरा पोस्ट नीतीश कुमार के साथ मुलाकात की डाली, जबकि तीसरा पोस्ट पार्टी के विस्तारकों के साथ बैठक से जुड़ा था। चौथा पोस्ट 4.42 में डाला, जिसमें सोशल मीडिया स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण था बापू सभागार में शक्ति केंद्र प्रभारियों को संबोधित करना। उनका संबोधन शाम करीब 4 बजे समाप्त हुआ था। उससे जुड़ा पोस्ट 6.22 बजे अपडेट किया गया। उनका अंतिम पोस्ट करीब 10 बजे रात में हुआ। इसमें भाजपा कार्यालय में नानाजी देशमुख ई-लाईब्रेरी का शुभारंभ की तस्वीर है। हालांकि बिहार भाजपा के अन्य नेता भी फेसबुक पर अपनी गतिविधियों को लेकर लगातार अपडेट बने रहे थे।
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नीतीश के फेसबुक व ट्विटर से गायब रहे अमित शाह
मंच पर अमित शाह सीएम नीतीश के साथ अपनी दोस्ती का खुला एलान कर रहे थे। नीतीश ने उनका स्वागत किया, यह तस्वीर भी अमित शाह ने अपने फेसबुक पर शेयर किया। लेकिन ये क्या, नीतीश के फेसबुक पेज से अमित शाह ‘गायब’। नीतीश कुमार के आधिकारिक पेज पर 11 जुलाई के बाद 13 जुलाई उनका पोस्ट आया। 12 जुलाई को कोई भी पोस्ट पेज पर नहीं दिखा। नीतीश के ट्विटर से भी अमित शाह गायब रहे। अमित शाह बिहार यात्रा पर राजकीय अतिथि थे। मुख्यमंत्री के साथ उनकी मुलाकात को एकदम निजी नहीं कहा जा सकता है। जदयू और भाजपा दोनों सरकार के ‘डबल इंजन’ हैं। राजकीय अतिथि में अमित शाह व नीतीश कुमार की मुलाकात के दौरान दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। इसके बाद भी नीतीश ने अमित शाह के साथ दोस्ती का खुला इजहार नहीं कर सके तो इसका कोई कारण तो रहा होगा। आमतौर पार्टी कार्यकर्ताओं के समूह के साथ मुलाकात को भी नीतीश फेसबुक और ट्विटर पर शेयर करते हैं। वैसी स्थिति में अमित शाह को भूल गये तो कोई तकनीकी ‘गलती’ नहीं ही होगी।