अब जबकि जेईई मेन का रिज्लट आ गया है और छात्र एडवांस की तैयारी में जुट गये हैं ऐसे में एलिट इंस्टिच्यूट के निदेशक अमरदीप झा गौतम इस परीक्षा की तकनीकी पहुलुओं को समझा रहे हैं.
इसी वर्ष यानी 2013 से आईआईटी जेईई के परीक्षा पैटर्न में तब्दीली हुई है. इस बदलाव के तहत परीक्षा के दो चरण लागू किये गये हैं.
पहले चरण यानी जेईई मेन की परीक्षा सीबीएससी द्वारा ली जाती है जबकि दूसरे चरण यानी एडवांस की परीक्षा आईआईटी द्वारा ली जाती है.
जेईई मेन– जेईई मेन में क्वालिफाई करने के लिए 12वीं परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित करना महत्वपूर्ण है. पहले भी 12वी बोर्ड में 60 प्रतिशत अंक लाने पर ही आईआईटी-जेईई की परीक्षा में बैठने की इजाजत थी.
पर अब सीबीएससी द्वारा संचालित जेईई मेन के कारण परीक्षार्थियों को 12वीं में प्राप्तांक का 60 प्रतिशत जेईई मेन में क्वालिफाई करने के लिए जोड़ा जायेगा. अगर छात्र ऑल इंडिया रैंक में डेढ़ लाख तक रैंक ले आते हैं तो उन्हें इंजिनियरिंग के लिए एनआईटी में नामांकन मिलना निश्चित है.
मेन में क्वालिफाई करने के लिए छात्रों को 12 वीं बोर्ड परीक्षा के साथ साथ कंसेप्टुअल प्रश्नों, बेसिक और विषय वस्तु पर गहन अध्ययन की सलाह दी जाती है. इसके लिए विश्लेषणातमक क्षमता के विकास की जरूरत है.
जेईई एडवांस- मेन परीक्षा में डेढ़ लाख तक रैंक लाने वाले छात्र एडवांस की परीक्षा देने के पात्र हो जायेंगे. एडवांस की परीक्षा देश भर के 15 आईआईटी संस्थानों में नामांकन के लिए ली जाती है. इन संस्थानों में उनका नामांकन उनके रैंक के आधार पर होता है.
एडवांस की तैयारी के लिए छात्रों को कंप्रिहेंसवि, मैट्रिक्स प्रोब्लेम असर्शन और रिजनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है. छात्रों को विषय के साथ सेल्फ इवैल्युएशन टेस्ट पर ध्यान देना चाहिए.पिछले साल के प्रश्नों के साथ साथ मॉडल प्रश्नों के आधार पर तैयारी करना कारगर होगा.
छात्रों को यह जानना चाहिए कि दोनों परीक्षाओं में 11वीं और 12वीं कक्षा से प्रश्न पूछे जाते हैं जिन में माना जाता है कि दोनों कक्षाओं से 50-50 प्रतिशत प्रश्न रहते हैं पर व्यावहारिक तौर पर देखा गया है कि 11वीं से 45 प्रतिशत प्रश्न पूछे जाते हैं जबकि 12वीं से 55 प्रतिशत सवाल आते हैं.
अमरदीप झा गौतम पटना में इंजिनियरिंग कोचिंग कराने वाली संस्थान एलिट इंस्टिच्यूट के निदेशक और फिजिक्स के शिक्षक हैं-