देशद्रोह के आरोप में 20 दिन तिहाड़ जेल में बंद रहने के बाद अंतरिम जमानत पर रिहा हुए जेनएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि अफजल गुरु नहीं, बल्कि रोहित वेमुला उसका आर्दश है। जेएनयू परिसर में 09 फरवरी को हुई घटना के सवाल पर कन्हैया ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उस दिन विश्वविद्यालय परिसर में जो कुछ हुआ, उसका वह और जेनएयू के सभी छात्र कड़ी भर्त्सना करते हैं। अब यह अदालत को तय करना है कि यह देश द्रोह है या नहीं।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक दायरे से बाहर जो भी चीजें हैं, उसका जेएनयू ने न तो कभी समर्थन किया है और न ही कभी करेगा। ‘‘मैं देशवासियों को भरोसा दिलान चाहता हूं कि जेएनयू के छात्र कभी राष्ट्रविरोधी नहीं हो सकते।” अपने खिलाफ हुई कानूनी कार्रवाई के सवाल पर कन्हैया ने कहा कि उसे देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है और न्यायालय ने उसे जमानत देने के साथ ही जो निर्देश दिए हैं, वह उसका पूरा सम्मान करेगा क्योंकि यह तो उसके जीवन जीने का तरीका रहा है। देश विरोधी नारे लगाए जाने के सवाल पर उसने कहा कि कोई यह बता दे कि जो व्यक्ति किसी मुल्क में रहता है वो उस मुल्क की खिलाफत की कार्रवाई में कैसे शामिल हो सकता है। कन्हैया ने जेएनयू घटनाक्रम को लेकर चारों तरफ हो रही उसकी चर्चा पर कहा कि मैं कोई नेता नहीं हूं। मैं केवल एक विद्यार्थी हूं । मेरे साथियों ने मुझे अपना प्रतिनिधि चुना है। उनकी आवाज ही मेरी आवाज है।