राज्यसभा में ललित मोदी प्रकरण में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे की मांग को लेकर तीन दिन से जारी गतिरोध को दूर करने के लिए सदन के नेता अरूण जेटली की बैठक का सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया।
माकपा के नेता एवं राज्यसभा सदस्य सीताराम येचुरी ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि श्री जेटली ने सदन में गतिरोध को दूर करने के लिए आज बारह बजे सभी विपक्षी दलों के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन किसी दल के नेता ने उसमें भाग नहीं लिया। एक प्रश्न के उत्तर में श्री येचुरी ने यह भी कहा कि विपक्ष इस मुद्दे पर एकजुट है और इसकी एकजुटता का यह सबूत है कि कोई भी श्री जेटली की बैठक में भाग लेने नहीं गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा मीडिया के सामने यह दुष्प्रचार कर रही है कि विपक्ष इस मुद्दे पर एक जुट नहीं है। उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध के लिए विपक्ष नहीं, बल्कि सरकार जिम्मेदार है, क्योकि सरकार जांच से पीछे हट रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी मंत्री पर आरोप लगता है, तो यह सरकार का फर्ज बनता है कि वह इसकी जांच कराए और जब तक जांच होती है, मंत्री को अपने पद से हट जाना चाहिए। माकपा नेता ने कहा कि जब किसी सरकारी अधिकारी के खिलाफ जांच होती है तो उसे पद से हटा दिया जाता है। यह नियम मंत्रियों पर भी लागू होना चाहिए।