सीटिंग एमपी होने के बावजूद लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट से वंचित कर दिये गये मोनाजिर हसन ने अपनी पार्टी जनता दल यू पर जोदार हमला बोलते हुए पार्टी छोड़ दिया है.जद
मोनाजिर हिसन ने कहा का जद यू धर्मनिरपेक्षता का आवरण ओढ़ी हुई पार्टी है जिसमें समर्पित लोगों की जरूरत और जगह नहीं है. मोनाजिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की है.
उन्हरोंने कहा कि एक पार्टी के तौर पर जेडीयू का वजूद खत्म हो रहा है.
चार बार मुंगेर से विधायक रहे डा. मोनाजिर हसन 2009 में बेगूसराय से लोकसभा के लिए चुने गए.
वे राबड़ी देवी और नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे हैं. मोनाजिर हसन की बेगूसराय, मुंगेर और भागलपुर में जनता के बीच अच्छी पकड़ है. ऐसे में इनका जेडीयू से जाना पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है.
लेकिन 2010 के विधानसभा चुनाव के बाद से मोनाजिर हसन के संबंध नीतीश कुमार से बिगड़ते चले गये. और 2014 के लोकसभा चुनाव के समय तक हालत यहां तक आ पहुंची कि नीतीश कुमार ने वामपंथी दल से समझौता करते हुए बेगूसराय की सीट पर अपना कंडिडेट नहीं उतारा. जब कि आम तौर पर किसी दल से मसझौता की स्थिति में सिटिंग सीट किसी अन्य पार्टी को नहीं दी जाती. लेकिन ऐसा मोनाजिर के मामले में किया गया. इस घटना को मोनाजिर हसन ने काफी गंभीरता से लिया और अब उसका नतीजा सामने है.
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