प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने देश में लोकतंत्र की रक्षा का सबसे बड़ा संघर्ष बिहार से शुरू किया। ठीक उसी तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिहार में न्याय के साथ विकास का अभियान शुरू करके बिहार में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शैक्षणिक क्षेत्र में संपूर्ण बदलाव का श्रीगणेश किया है।
भास्करडॉटकॉम की खबर के अनुसार, श्री सिंह ने कहा कि कुर्सी के लिए घमासान के बीच कम ही लोग ऐसे होते हैं जिन्हें जेपी की तरह कुर्सी का मोह नहीं होता। इनमें नीतीश भी एक हैं। जदयू अध्यक्ष बुधवार को रविंद्र भवन में संपूर्ण क्रांति मंच द्वारा आयोजित जेपी आंदोलन की 41वीं वर्षगांठ समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नीतीश ने केंद्र के भूमि सुधार बिल के खिलाफ सामाजिक चेतना जगाने के लिए एक दिन का उपवास किया तो भाजपा उनका मजाक उड़ाने लगी। बहुत कम ऐसे अवसर आते हैं जब व्यक्ति कुर्सी को अलग रख कर जनता के साथ खड़ा होता है। जेपी की हैसियत देश में किसी महापुरुष से कम नहीं थी, फिर भी उन्होंने खुद को कुर्सी से अलग रखा।
समारोह में जेपी की जन्मभूमि पर कटाव के खतरे और जेपी सेनानियों को सम्मान पेंशन का मामला गरमाया रहा। प्रदेश जदयू अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और खाद्य मंत्री श्याम रजक ने आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री के स्वस्थ्य होते ही इस मुद्दे पर संपूर्ण क्रांति मंच के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की जाएगी। इसमें दोनों समस्याओं पर विचार किया जाएगा।
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