मथुरा से लौटने के जेपी की धरती सिताबदियारा पहुंचे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सह लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के तर्ज पर अब लालू प्रसाद आंदोलन होगा. तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी के साथ अनबन को भी नकारा और कहा कि हम दोनों भाइयों में ना कोई मनभेद है और ना हीं कोई संघर्ष. तेजप्रताप का तो एक ही लक्ष्य है मिशन 2019.
नौकरशाही डेस्क
दरअसल, मथुरा से लौटने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल नहीं होने पर कहा गया था कि तेज प्रताप यादव नाराज हैं. कुछ अंतराल के बाद तेज प्रताप की हालिया गतिविधियों से एक बार फिर ये कयास लगाए जा रहे थे कि वह पार्टी के भीतर तरजीह नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे हैं. मगर सिताबदियारा जाने से पूर्व उन्होंने इन अटकलों पर विराम लग दिया और कहा कि कुछ लोग उन्हें दोनों भाईयों में लड़वाना चाहते हैं, मगर वे कृष्ण हैं और तेजस्वी बलराम.
मालूम हो कि दस अगस्त को कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम के विरोध में भारत बंद किया तो तेजस्वी ने इसका समर्थन किया लेकिन तेज प्रताप ने दूरी बनाए रखना ही उचित समझा. वो बंद के दौरान तनिक भी सक्रिय नज़र नहीं आए.
उधर, तेजस्वी यादव ने भी दोनों भाईयों के बीच खटपट को नकारा है औऱ राजद की बैठक में तेज प्रताप के शामिल नहीं होने पर कहा है कि मीटिंग वाले दिन तेज प्रताप मथुरा से वापस लौटे थे और थके हुए थे जिस वजह से वो पार्टी की मीटिंग में शामिल नहीं हो पाए. सनद रहे कि सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के जेल जाने के बाद से ही तेज प्रताप को नहीं बल्कि तेजस्वी को उनका उत्तराधिकारी माना गया.
पार्टी ने भी तेजस्वी को हाथों-हाथ स्वीकार किया लेकिन इसका साइड इफेक्ट रह-रहकर देखने को मिलता रहता है. लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप का दर्द आए-दिन छलकता रहता है, पार्टी में हो रही उपेक्षा को लेकर कभी ट्विटर-फेसबुक तो कभी मीडिया के कैमरों पर तेज प्रताप अपना दुःख बताते रहते हैं.