पटना की डीएसपी कानून व्यवस्था ममता कल्याणी को अदालत में झूठ बोलने के कारण जेल भेज दिया जाता लेकिन उन्होंने गिडगिड़ाते हुए माफी मांगी तो बच गयीं.
यह शर्मनाक स्थिति ममता के सामने तब आयी जब इंद्रपुरी के थाना ध्यक्ष ने अदालत को बताया कि डीएसपी ने अपहरणकर्ता को गिरफ्तार करने से रोक दिया था. थानाध्यक्ष के इतना कहने के तुरत बादी डीएसपी कल्याणी ने कह कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार थानाध्यक्ष पूरी तैयारी के साथ आये थे. उन्होंने डीएसपी के लिखित आदेश की प्रति अदालत को सौंप दी. पटना हाईकोर्ट के जज ने जैसे ही यह लिखित आदेश और उसपर ममता कल्याणी के दस्तखत देखे बेंच सख्त नाराज हुआ. उनके इस झूठ पर कोर्ट ने सार्जेट को बुला लिया, डीएसपी को हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया ही जाने वाला था, तभी ममता ने माफी मांगनी शुरू कर दी.
अदालत ने यह भी महसूस किया कि डीएसपी ने आदेश को बिना पढ़े उस पर दस्तखत कर दिया था. दर असल उस आदेश पर अभियुक्त की मां को गिरफ्तार करने से रोका जाना था.
यह मामला एक नाबालिग लड़की के अपहरण को लेकर था. आरोप था कि कोचिंग संचालक सुरेंद्र प्रताप ने अपनी छात्रा को अपहरण कर लिया था. लड़की की मां ने इस मामले में कोचिंग संचालक और उसकी मां को अभियुक्त बनाया था. लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं होने पर लड़की ने कोर्ट में अर्जी दे दी थी.
इसी मामले की सुनवाई के दौरान डीएसपी को अपना पक्ष रखने के लिए अदालत में हाजिर होने के लिए कहा गया था.
अदालत ने इस मामले में डीएसपी से कहा है कि वह अगली सुनवाई में भी हाजिर हों और इस मामले में पुलिस कार्रवाई की प्रगति के बारे में बतायें.