मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि जैविक सब्जी की खेती करने वाले किसानों को तीस डिसमिल जमीन पर मिलने वाली प्रोत्साहन राशि छह हजार रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपये का निर्णय लिया गया है।
श्री कुमार ने राजगीर में नालंदा जिले में 164 लाख रुपये की लागत से तीन योजनाओं का उद्घाटन और 12439.075 लाख रुपये की लागत वाली 66 योजनाओं का शिलान्यास करने के बाद समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि पिछले वर्ष नालंदा, वैशाली, पटना और समस्तीपुर में 30 डिसमिल जमीन पर जैविक सब्जी की खेतरी करने के लिए छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि की शुरुआत की गई। इसका विस्तार करते हुए अब गंगा नदी के दोनों किनारों के कुल नौ जिलों का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि जैविक सब्जी की खेती करने वाले किसानों को अब 30 डिसमिल जमीन पर मिलने वाली प्रोत्साहन की राशि को छह हजार रुपये से बढ़ाकर आठ हजार रुपये करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चंडी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल में चार करोड़ 61 लाख रुपये की लागत से भवन एवं चहारदीवारी का निर्माण कराया जाएगा। सभी किसानों एवं नूरसराय के हॉर्टिकल्चर महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से उनका आग्रह है कि वे चंडी आकर यहां के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को देखें और समझें। उन्होंने कहा कि नूरसराय में कृषि यंत्र मेले की शुरुआत की गई है, जिसमें कृषि यंत्रों पर अनुदान देने की व्यवस्था है। बिहार में स्थानीय स्तर पर लंबे समय से कृषि यंत्र बनाये जाते हैं, उन्हें भी अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि फसल सहायता योजना का लाभ किसानों को इस वर्ष 01 मार्च से सीधे उनके खाते में पहुंचनी शुरू हो जाएगी।