पटना, 31 मई। जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने गुरुवार को कहा कि जीत की ’खुशी’ और ’गूरूर’ में बहुत बारीक अंतर होता है। जोकीहाट विधानसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद’ट्वीटर ब्वाय’ पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री तेजस्वी यादव जी में जो छलक रहा है, वह गुरूर है।
नीरज ने कहा कि तेजस्वी जी की उम्र अभी काफी कम है। विधानसभा उपचुनाव के परिणाम के बाद वे अपने आप को स्वघोषित नेता होने का जो दावा कर रहे हैं, इससे पहले उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कौकब कादरी जी से भी घोषणा करवा लेनी चाहिए कि उन्हें भी आप में (दागी तेजस्वी) में ही भविष्य की संभावना दिख रही है।
इस घोषणा के बाद ही आपको नेता सभी लोग मान लेंगे। तेजस्वी जी, खुद अपने मुंह मियां मिठु नहीं बनना चाहिए। वैसे हमलोग जनादेश का सम्मान करते हैं।
तेजस्वी जी, आप ’दागी’ युवराज हैं, आप तो ’सोना का चम्मच’ लेकर जन्म लिया है। माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने जो अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जो काम किया वह बिहार के लिए नजीर है। राजद के 15वर्षो के शासनकाल में एक भी कब्रिस्तान की घेराबंदी नहीं हुई थी, आज 5,175 कब्रिस्तानों की घेराबंदी हो चुकी है। राजद के शासनकाल में 3 करोड 45 लाख रुपये अल्पसंख्यक कल्याण के लिए खर्च होते थे आज873 करोड रुपये खर्च हो रहे हैं।
वैसे, नीतीश कुमार जी को आपसे धर्मनिरपेक्षता के प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है। तेजस्वी जी आपने तो भागलपुर के दंगाइयों को सम्मानित करने का काम किया है, दंगा पीड़ितों के आंसू नहीं पोछें हैं। बिहार सरकार आगे भी अल्पसंख्यकों के कल्याण का काम जारी रखेगा। राजद का अल्पसंख्यक प्रेम तो छलावा है। राजनीति में तो हार-जीत लगा रहता है। वैसे, तेजस्वी जी राजद का संस्कार लेन-देन का रहा है। ऐसे में आज आपको यह भी बताना चाहिए कि जोकीहाट के उम्मीदवार से टिकट के लिए जमीन ली गई, आलीशान भवन लिया गया या कुछ और ? —–