भाजपा ने भले ही झारखंड से भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर चुनाव जीत लिया हो पर उसके नवनियुक्त मुख्यमंत्री रघुबर दास पर 200 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं. जानिए यह सच्चाई.
इर्शादुल हक, सम्पादक नौकरशाही डॉट इन
चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी जब झारखंड की सभावों में अपनी दमदार आवाज से यह कहते रहे कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त शासन और विकास के लिए भाजपा को जिताइए, तो जनता ने उनकी बातों पर यकीन कर लिया और भाजपा को बहुमत के करीब पहुंचा दिया लेकिन जैसे ही भाजपा ने एक गैर आदिवासी सीएम के रूप में रघुवर दास के नाम की घोषणा की तो अब सवाल उठेगा कि आखिर पार्टी ने कैसे एक ऐसे व्यक्ति को सीएम की कुर्सी सौप दी जो खुद भ्रस्टाचार के संगीन आरोप का शिकार है.
भ्रष्टार का यह आरोप सन 2005 में रघुबर पर तब लगा जब वह राज्य में शहरी विकास विभाग के मंत्री थे. इस आरोप की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ये आरोप खुद झारखंड असेम्ली द्वारा गठित हाई पावर्ड कमेटी ने लगाया था. इसमें कहा गया है कि रघुबर दास ने सिंगापुर की एक कम्पनी को नियमों के खिलाफ जा कर 200 करोड़ रुपये की परियोजना स्वीकृत की थी . इस फर्म को रांची में ड्रेनज का निर्माण करना था
हाईपावर्ड कमेटी की यह रिपोर्ट बहुत दिनों तक दबी रही. लेकिन किसी तरह मीडिया में इस जांच रिपोर्ट के कुछ अंश मीडिया में भी आ गये. 13 जनवरी 20 10 को आईबीएन-सीएनएन ने भी रिपोर्ट को दिखायी. उस समय रघुवर उपमुख्यमंत्री बन चुके थे.
रांची में ड्रेनेज निर्माण के लिए पांच कम्पनियों ने निवादा भरा था लेकिन तमाम कमियों और शर्तें न पूरा करने के बावजूद सिंगापुर की कम्पनी मिनडर्ट को यह ठेका दे दिया गया. जबकि अन्य चार कम्पनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया.
सबसे बड़ी बात यह है कि जब यह ठेका सिंगापुर की कम्पनी को दिया गया तो उस समय राज्य में जबर्दस्त विवाद भी हुआ.
जब हाईपावर्ड कमेटी ने अपनी जांच में रघुवर दास को दोषी पाया तो रघुवर ने अपने बचाव में कहा कि कमेटी ने अपनी सीमा का उल्लंघन करके जांच की है.
खास बात यह है कि जब 2005 में यहां भजपा की सरकार थी तब उसने एक तकनीकी कमेटी बनायी जिसने रघुवर दास को क्लीन चिट दे दी . लेकिन जब भाजपा की सरकार चली गयी तो एक नयी जांच कमेटी बनी जिसने अपनी रिपोर्ट में पुरानी कमेटी की जांच रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दी. इस रिपोर्ट में रघुवर दास पर आरोप लगाया गया है कि उनके शहरी विकास विभाग के मंत्री रहरते 200 करोड़ रुपये के ठेके में हेराफेरी की गयी.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता रघुवर दास को मुख्यमंत्री नियुक्त किया है. भाजपा को झारखंड चुनाव में भारी सफलता मिली है.
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