बिहार की राजनीति लड़ाई अब जमीन से उठकर साइबर में पहुंच गयी है। नीतीश कुमार व सुशील मोदी के फेसबुक वार में अब नये खिलाडि़यों ने भी हस्तक्षेप शुरू कर दिया है। इसमें प्रमुख हैं जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह। लालू यादव भी कभी-कभार फेसबुक पर अपना पटाखा फोड़ते रहते हैं और विवाद को बढ़ा भी देते हैं।
बिहार ब्यूरो
लोकसभा चुनाव के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बीच खूब बयान युद्ध चला था। यह बयानबाजी अभी तक थमी नहीं है। इनके अलावा सांसद पप्पू यादव, आरसीपी सिंह, पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी, जर्नादन सिंह सिग्रीवाल, शकील अहमद, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, प्रेमचंद मिश्रा समेत करीब दो दर्जन नेता फेसबुक पर एक्टिव हैं। कोई नियमित तो कोई कभी कभार अपडेट करते रहते हैं।
इसके प्रोफेशनल फायदे भी हैं। नीतीश कुमार व सुशील मोदी ने अब प्रेस कॉन्फ्रेंस की परंपरा खत्म कर दी है। वे अब फेसबुक अपडेट करते हैं। कभी अपनी बात रखने के लिए तो कभी दूसरों की बातों को निरर्थक बताने के लिए। नीतीश कुमार व सुशील मोदी सोशल मीडिया के लिए भी काफी लोकप्रिय हो गए हैं। अब लोग नीतीश व सुशील के बयान के लिए उनके कार्यालय में फोन करने के बजाये उनका अपडेट देखते हैं और हर दिन कोई न कोई सामग्री मिल ही जाती है।
लेकिन अन्य नेताओं को मीडिया में अभी तरजीह नहीं मिल रही है। वजह यह भी है कि अन्य नेता पार्टी के मुद्दे पर कम और अपनी व्यक्तिगत गतिविधियों को अधिक तरजीह देते हैं। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह का बयान पहली बार सोशल मीडिया के मार्फत अखबारों में आया है। अब देखना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से कितने और नेता खुद काे स्थानीय मीडिया से जोड़ पाते हैं।
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