बिहार में टीबी रोग का फैलाव काफी तेजी से हो रहा है, लेकिन जगजागरूकता से इससे बचा जा सकता है। आज पटना में आयोजित मीडिया कार्यशाला में वक्ताओं ने कहा कि जन जागरूकता के लिए सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर पर काफी प्रयास किया जा रहा है।
राज्य सरकार के राज्य यक्ष्मा कोषांग और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजीस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए पत्रकार नीतीश चंद्रा ने कहा कि मीडिया कर्मियों के लिए स्वास्थ्य रिपोर्टिंग की अपनी सीमाएं हैं। मीडिया में स्वास्थ्य से संबंधित नकारात्मक खबरों को ज्यादा और सकारात्मक खबरों को कम जगह मिलती है। इसके लिए सरकार को भी मीडिया के साथ समन्वय बनाना होगा। डॉ वी प्रसाद ने कहा कि टीवी की रोकथाम में सरकार को निजी क्षेत्रों का भी सहयोग लेना चाहिए। इससे जांच और उपचार मरीजों को सहायता होगी।
ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटेजीस के प्रतिनिधि ने बताया कि संस्था टीबी को लेकर जागरुकता, रोकथाम और उपचार को लेकर काम कर रहा है और बिहार में पिछले नवंबर में इसका शुभारंभ हुआ है। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने सरकार के कामों की सराहना करते हुए कहा कि टीबी को लेकर व्याप्त भ्रम को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने एक छात्र का अनुभव भी सुनाया। इस मौके पर दो मरीजों ने अपने अनुभव भी सुनाए। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार आशीष मिश्रा ने की। मौके पर केपी सिन्हा, डॉ केएन सहाय, नीता झा ने भी अपने विचार रखे। प्रश्नोत्तर काल में कई प्रतिभागियों ने सवाल भी पूछे, जिसकी जिज्ञासाओं को शांत करने का प्रयास स्टेट टीबी आफिसर डॉ केएन सहाय ने किया।