बिहार की आर्थिक अपराध इकाई की टीम जब जूनियर इंजीनियर सुनील कुमार के अपार्टमेंट की ऊपरी मंजिल में पहुंची तो वह सकते में आ गयी, ऐसा नजारा वह भी पटना में!
अब तक पिछले 13 महीने में भ्रष्ट लोकसेवकों के यहां छापामारी में अरबों रुपये की सम्पत्ति और विलासता के साज सामान का पता लगाया है लेकिन पिछले शुक्रवार को जब वह सुनील कुमार के टॉप फ्लोर पर दो हजार वर्ग फिट में फैले गार्डने को देख कर दंग हो गयी. ईओयू की टीम ने सोचा भी नहीं था कि पटना में ऐसे अकल्पनीय नजारा भी होगा.
हां पटना के कुछ होटलों( और घरों के ऊपर छोटे गार्डेन तो हैं. पर इस विशाल गार्डेन के कहने ही क्या. ईओयू की टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी सुशील कुमार ने अपनी आंखों से जब इस गार्डेन को देखा तो वह भी अचंभित थे. दूर-दूर तक करीने से फैले फूल-पौधे, समतल और तराशी घास, जैसे आप जमीन पर किसी गार्डेन में हों.
सुनील कुमार पुलि निर्माण निगम के महज जूनियर इंजीनियर हैं. पिचले 8 सालों में इस विभाग ने राज्य में सैंकड़ों पुलों का निर्माण कराया है.फिलहाल राजाबाजा-बेली रोड पर विशाल पुल यही निगम बनवा रहा है. इसमें भी सुनील कुमार की देख रेख में काम हो रहा है. सुनील पिछले 24 साल से नौकरी कर रहे हैं. इस दौरान कई राजनीतिक निजाम बदले लेकिन सुनील का निजाम बदस्तूर कायम है. इनका प्रबंधन इतना मजबूत और स्टीक रहा कि लालू, राबड़ी और नीतीश के बदलते कार्यकाल के बावजूद पिछले 24 सालों में 22 साल पटना में ही डटे रहे.
ईओयू ने सुनील के यहां से पांच करोड़ की आय से अधिका का पता लगाया है. अभी उनकी अकूत दौलत की काउंटिंग जारी है.
ईओयू के अनुसार सुपर बिल्डर्स नाम की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पिछले साल ही बनाई गई है. यह कम्पनी सुनील की ही है. पहले से दीपश्री प्रॉपर्टीज प्रा.लि. नाम की कंस्ट्रक्शन कंपनी है.कंपनी में डायरेक्टर उनकी पत्नी और पिता हैं. इस कम्पनी ने हरि पैलेस और लक्ष्मी पैलेस नाम से पहले दो अपार्टमेंट बनाए हैं. दो और अपार्टमेंट बन रहे हैं.
इनमें से एक जनक पैलेस में काम चल रहा है. ईओयू यह पता लगाने की कोशिश कर रही है. इसके अलावा गया में आलीशान होटल की मिलकियित भी सुनील या उनके रिश्तेदारों के पास है.