पार्टी के अंदर व बाहर विरोधियों के आरोपों से परेशान जीतनराम मांझी ने कहा है कि हम बचपन से प्रताड़ना झेलते आए हैं। हम बहुत गरीब हैं, महादलित हैं। इसलिए जिसको मन होता है ठोकर मार देता है। ठोकर खा-खा कर सीएम बन गये। कितना ठोकर मारिएगा। कहीं ठोकर खाते-खाते पीए न बन जाएं। आज पटना में विश्व शौचालय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने बिहार के केंद्रीय मंत्रियों पर भी निशाना साधा और कहा कि केंद्र बिहार के विकास में सहयोग नहीं करेगा तो सतभइया मंत्रियों को बिहार में घुसने नहीं देंगे। सतभैया मंत्री अगर केंद्र से मदद नहीं लाते तो यह किसलिए जीते हैं। उन्हें केंद्र की योजनाओं का क्रियान्वयन कराने में मदद करनी होगी।
नौकरशाही डेस्क
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि 2019 तक बिहार पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त राज्य बन बन जाएगा। उन्होंने व्यक्तिगत शौचालय निर्माण पर बल देते हुए कहा कि साफ-सफाई हम सबकी जरूरत है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया कि आप लोग भी इसके लिए लोगों को जागरूक करें, ताकि सरकार अपना लक्ष्य आसानी से हासिल कर सके। इस मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा, पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह, पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव समेत कई विभागों के प्रधान सचिव भी मौजूद थे।
मांझी को भाजपा का जवाब
सीएम के इस बयान पर सियासत भी शुरू हो गई है। केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा नेता रामकृपाल यादव ने कहा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए सीएम मांझी ने असंवैधानिक बयान दिया है। लगता है लालू यादव और नीतीश कुमार के साथ रहते – रहते उनकी भी भाषा ऐसी हो गई है या फिर लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की प्रताड़ना का प्रभाव उन पर पड़ा है। सीएम के बयान में जदयू और नीतीश कुमार के कैरेक्टर दिख रहा है। मांझी पहले सीएम हैं, जो इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।