बिहार विधान सभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां वोटरों का डाटाबेस बनाने में जुट गयी हैं। इसका मकसद कम समय अधिकाधिक लोगों तक अपना मैसेज पहुंचाना है। इसके साथ ही किसी एक्शन के लिए कार्यकर्ताओं तैयार रखना है।
नौकरशाही ब्यूरो
भाजपा, लोजपा और जदयू ने डाटा बेस तैयार करने की पूरी रणनीति बनायी है। भाजपा और लोजपा का पार्टी का सदस्यता अभियान और नीतीश कुमार से जुड़ने का अभियान डाटा बेस को मजबूत करने की कवायद है। इस मामले में भाजपा और जदयू काफी आक्रमक मुद्रा में हैं। भाजपा काफी पहले से इस कोशिश में जुटी थी, जबकि जदयू ने हाल ही में यह अभियान शुरू किया है। भाजपा की रणनीति के तहत फोन के माध्यम से पार्टी के सदस्य बने लोगों को पार्टी का कार्यकर्ता बनाने की कोशिश की जा रही है। इनमें से काफी लोगों को पार्टी के लिए सक्रिय भी किया जा रहा है।
उधर नीतीश कुमार का पूरा कैंपेन पार्टी के बजाय उनके नाम पर चलाया जा रहा है। उन्होंने अपने लिए यूथ फॉर नीतीश कुमार नामक टीम भी बना रखी है। वही टीम उनके लिए काम कर रही है। प्रशांत किशोर इस टीम के ऑपरेशनल हेड हैं। उनके मार्गदर्शन में यह टीम नियोजित रूप से काम कर रही है। हाल ही में नीतीश कुमार से जुड़ा एक गाना जारी किया गया है, जिसमें नीतीश कुमार का गुणगान किया गया है। यह गाना प्रमुख चौराहों और जगहों पर स्टॉल लगाकर बजाया जा रहा है और वहां से भी वाट्सएप के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है। इस दौरान स्टॉल पर आने वाले व्यक्ति का नाम और मोबाइल नंबर भी संकलित किया जा रहा है। सबका मकसद अधिक से अधिक लोगों का डाटा बेस तैयार करना है। तकनीकी की लड़ाई में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार एक-दूसरे को पीछे छोड़ने में जुटे हुए हैं। अब देखना है कि जनता इनमें से किसको सत्ता तक पहुंचाती है।