प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया की अवधारणा को जमीन पर उतारने की कोशिश तेज हो गयी है। इसके लिए सरकारी प्रयास भी बढ़ा दिए गए हैं। पिछले दिनों पटना में बिहार के मंत्रियों को सूचना तकनीकी की नवीनतम जानकारी देने के लिए कम्प्यूटर उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इसमें करीब दर्जन भर मंत्री भी शामिल हुए थे।
वीरेंद्र यादव
इस कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट), पटना ने बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से किया था। नाइलिट केंद्र सरकार की सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के तहत काम करता है। इसका मकसद सूचना तकनीकी की उपयोगिता को आम लोगों तक पहुंचाना है। नाइलिट के प्रभारी निदेशक आलोक त्रिपाठी ने नौकरशाहीडॉटइन के साथ खास बातचीत में कहा कि प्रशासनिक कार्यों की प्लानिंग व मॉनीटिरिंग का काम आइटी के कारण आसान हो गया है। प्रशासनिक तंत्र में पारदर्शिता और गतिशीलता काफी सहज हो गयी है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि डिजिटल इंडिया भारत सरकार की प्राथमिकताओं में है। प्रधानमंत्री भी इस पर बार-बार जोर दे रहे हैं। इसी आलोक में नाइलिट ने मंत्रियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया। यह भी हमारे लिए संतोष की बात है कि कई मंत्री आइटी को लेकर काफी सजग हैं और नवीनतम जानकारी के लिए कोशिश भी कर रहे हैं। वे आइटी फ्रेंडली भी हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन करते रहे हैं। जिला और प्रखंड स्तर पर भी इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। ई-गवर्नेंस के लिए आइटी का विस्तार पहली शर्त्त है। इसके लिए प्रशिक्षण भी आवश्यक है।
नाइलिट के बिहार प्रभारी ने कहा कि डिजिटल अटेंडेंस के कारण सरकारी कार्यालयों की कार्यसंस्कृति में बदलाव आ रहा है। अब दिन-प्रतिदिन के कार्यों को लेकर एकांउटबिलीटी भी बढ़ गयी है। सूचना तकनीकी ने जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित किया है। अब सरकार भी अपनी उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी पर ही निर्भर हो रही है। आलोक त्रिपाठी ने कहा कि 2007 में पटना में नाइलिट का क्षेत्रीय कार्यालय शुरू हुआ था और 2012 में संस्थान की पटना ईकाई की शुरुआत हुई। इसके बाद से हमारा कार्य और कार्यक्षेत्र का लगातार विस्तार हो रहा है। इसे हम गतिशील और लोकोपयोगी बनाना चाहते हैं, ताकि जन-जन तक आईटी की पहुंच हो सके।