मंत्रिमंडल विभाग के तत्वावधान में जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों की शुक्रवार को महत्वपूर्ण बैठक पटना में आयोजित की जा रही है। इसमें सभी विभागों के प्रधान सचिव व सचिव भी मौजूद रहेंगे। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी करेंगे। मांझी सरकार के गठन के बाद यह पहली ऊंच स्तरीय बैठक है, जिसमें मुख्यमंत्री के समक्ष जिले में संचालित हो रही विकास योजनाओं और कानून व्यवस्था पर चर्चा होगी। इसमें मुख्यमंत्री हेडमास्टर की भूमिका में होंगे, जबकि विभागीय शीर्ष अधिकारी टीचर और एसपी व डीएम स्टूडेंट बनकर पर सुशासन, विकास और विधि व्यवस्था का पाठ पढ़ेंगे।
बिहार ब्यूरो प्रमुख
इस बैठक को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय और मंत्रिमंडल विभाग जमकर तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री सचिवालय इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए भाषण की तैयारी में जुटा है। इसमें मुख्यमंत्री का उद्घाटन भाषण लिखित होगा। इसके बाद संवाद के क्रम में उनका संबोधन अलिखित व परिस्थितियों के अनुरूप होगा। सीएम के आवासीय सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में मुख्यमंत्री मांझी के वैचारिक फलक का बिंब भी दिखेगा और राज्य की बेहतरी के लिए सरकार के संकल्प की दृढ़ता भी दिखेगी। विभागीय प्रधान सचिव व सचिव अपने-अपने विभागों से जुड़े सवाल पूछेंगे, जिसका जबाव डीएम व एसपी को देना होगा। इसमें कमजोर पड़ने वाले अधिकारियों के पर भी कतरे जा सकते हैं।
उधर कैबिनेट विभाग के सूत्रों ने बताया कि बैठक विकास योजनाओं की उपलब्धि व कार्यान्वयन और कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी केंद्रित होगी। इसके अलावा केंद्र व राज्य संचालित योजनाओं की समीक्षा, सांसद व विधायक की अनुशंसाओं पर किये जा रहे कार्य और पंचायती राज के कार्यों की समीक्षा भी जाएगी। इस संबंध में डीएम व एसपी का कहना है कि बैठक को लेकर काफी होमवर्क किया जा रहा है, ताकि कोई चूक न रह जाए।
बैठक को लेकर यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी बैठक के माध्यम से बिहार में पदस्थापित भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की दक्षता और कार्यकुशलता का आकलन करना चाहते हैं, ताकि भविष्य में जिम्मेवारी सौंपने के लिए अधिकारियों के चयन में सहूलियत हो और प्रशासन स्तर पर नीतीश कुमार की छाया से मुक्त हो सकें।