बिहार पुलिस की कोशिश रंग लाई । गया के फोरलेन पर एक मई को आडी कार से अपह्त किए गए डा. पंकज गुप्ता-पत्नी शुभ्रा गुप्ता बगैर कोई फिरौती दिए घर वापस पहुंच गये हैं । रिहाई लखनऊ में हुई । बिहार पुलिस के इनपुट पर लखनऊ में बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने वाले यूपी के आईजी (एसटीएफ) सुजीत पांडेय भी बिहार के ही हैं।
ज्ञानेश्वर, वरिष्ठ पत्रकार
कामयाबी से गदगद सुजीत पांडेय ने मुझे फोन पर बताया कि बिहार में लगातार अपहरण कर रहे गिरोह को उन्होंने गिरफ्त में ले लिया है । इस गिरोह का सरगना अजय सिंह अपने छह अन्य साथियों के साथ धर लिया गया है । सरगना अजय सिंह बिहार पुलिस के रिटायर्ड डीएसपी मंगल सिंह का बेटा है । इसके एक भाई पटना नगर निगम के अधिकारी हैं । अजय सिंह की गिनती देश के सबसे बड़े अपहर्ताओं में होती है । पहले यह बिहार से बाहर अपहरण करता था ।
लड़ चुका है चुनाव
पहली चर्चा में अजय सिंह तब आया था, जब इसने फरवरी,2003 में जयपुर से हीरों के बड़े व्यापारी रश्मिकांत दुर्लभजी की पत्नी सुमेधा दुर्लभजी को मार्निंग वाक के तहत अगवा कर लिया था । यह परिवार लालकृष्ण आडवाणी का काफी करीब था । देशव्यापी आपरेशन के बाद साठ वर्षीया सुमेधा दुर्लभजी को फरीदाबाद से छुड़ाया गया था । अजय सिंह अपने साथियों के साथ पकड़ा गया था । इसके पहले अजय सिंह ने चतरा लोक सभा क्षेत्र से चंद्रशेखर की पार्टी से लोक सभा चुनाव लड़ा था । जयपुर जेल में रहते हुए भी इसने तरैया से विधान सभा चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी थी,लेकिन नहीं मिली ।
मिली है आजीवन कैद की सजा
जयपुर अपहरण में अजय को आजीवन कैद की सजा मिली । यह अक्तूबर,2011 में पेरोल पर छूटकर आया था । महीने भर बाद जेल लौटना था, लेकिन भगोड़ा बन गया । इसके बाद अपने गिरोह को फिर से सुगठित कर अपहरण को अंजाम देता रहा । पुलिस अधिकारी बन अगवा करने में इस गिरोह को महारत हासिल थी । पूर्व में लखनऊ में भी कर चुका था । यूपी के आईजी (एसटीएफ) सुजीत पांडेय ने बताया कि अपह्त डाक्टर दंपती को गोमती नगर के मखदुमपुर चौकी के शारदा अपार्टमेंट में छुपाकर रखा था । डाक्टर की आडी और अपहरण में प्रयुक्त फॉरचुनर गाड़ी बरामद कर ली गई थी । इसमें लाल-नीली बत्ती लगी थी । हथियार आदि भी बरामद हुए हैं।
(फेसबुक पेज से साभार)