उत्तर प्रदेश के गोंडा माधोपुर फर्जी पुलिस मुठभेड़ मामले में अदालत ने तीन पुलिसकर्मियों को फांसी की सजा सुनाई है.यह मामला 12 मार्च, 1982 का है.
इन सभी ने डीएसपी केपी सिंह व बारह निर्दोष ग्रामीणों की हत्या के आरोप में दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई गई है.
इस मामले में हाई कोर्ट ने कहा है कि अभियुक्तों को उनकी मृत्यु होने तक फांसी के फंदे पर लटकाया जाए.
विशेष अदालत ने रमाकांत दीक्षित, उपनिरीक्षक नसीम अहमद, उपनिरीक्षक मंगला सिंह, उपनिरीक्षक परवेज हुसैन एवं उपनिरीक्षक राजेंद्र प्रसाद सिंह को हत्या के षड़यंत्र का दोषी पाते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है.