न्यायालय में भारी फजीहत झेलने के बाद आप पटना की डीएसपी ममता कल्याणी आला अधिकारियों के निशाने पर हैं. उन्हें दस दिनों में अपहर्ता की गिरफ्तारी पर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
एक नाबालिग लड़की के अपहरण के मामले में ममता कल्याणी ने पटना हाईकोर्ट में झूठ बोल कर ऐसे फंसी की उनकी गिरफ्तारी की नौबत आ गयी थी. लेकिन उन्होंने माफी मांगी और अदालत ने उन्हें माफ भी कर दिया. लेकिन उनके झूठ के कारण अब पटना जोन के आईजी सुशील खोपड़े ने साफ कह दिया है कि वह नाबालिग लड़की के अपहरण करने के आरोपी कोचिंग संचालक धर्मेंद्र प्रताप की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने को कहा है.
अदालत में इस मामले को जांच कर रहे आईओ शशिकांत ने यह कह कर सब को चकित कर दिया था कि डीएसपी ममता कल्याणी आरोपी को गिरफ्तार करने से मना कर रखा है. इस पर डीएसपी ने कहा कि उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने से मना नहीं किया.
फिर आईओ शशिकांत ने ममता कल्याणी के लिखित आदेश की प्रति अदालत को पेश कर दी. यह देख कर अदालत के बेंच ने ममता क जेल भेजने को कहा पर इस बीच ममता ने माफी मांग ली. दर असल मामला यह था कि ममता ने बिना पढ़े ही आदेश पर दस्तखत कर दिये थे. आदेश में आरोपी की मां को गिरफ्तार करने से मना किया गया था.
इस घटना के बाद पटना जोन के आईजी सुशील खोपड़े ने डीएसपी और मामले की जांच कर रहे आईओ शशिकांत से स्पष्टिकरण मांगा है कि आखिर अपहरण के 9 महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी धर्मेंद्र प्रताप को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका.
धर्मेंद्र प्रताप इंद्रपुरी में कोचिंग चलाता था और उस कोचिंग में 13 वर्षीय लड़की पढ़ती थी. लड़की की मां ने आरोप लगाया है कि कोचिंग संचालक उसकी बेटी को अगवा कर भाग गया है. कोचिंग संचालक शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं.