गोवा डीजीपी किशन कुमार अपनी ड्युटी पर क्या सचमुच ध्यान नहीं दे पा रहे हैं?और क्यों सरकार उन्हें गोवा से दिल्ली भेजना चाहती है.
इस संबंध में गोवा के मुख्य सचिव ने एक पत्र लिख कर डीजीपी को दिल्ली बुलाने के लिए केंद्र सरकार को लिखा है. हालांकि इस चिट्टी में कहा गया है कि वह बीमार हैं और इलाज के लिए उन्हें दिल्ली में रहना चाहिए.
वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों का मानना है कि डीजीपी कुमार को राज्य सरकार इसलिए गोवा से हटाना चाहती है क्यों कि विधानसभा की एक कमेटी ने किशन कुमार पर एक ड्रग माफिया के साथ सांठगांठ का आरोप लगाया है.
मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि राज्य के डीजीपी किशन कुमार ल्युकेमिया रोग से ग्रसित हैं जिसके कारण वह अपनी जिम्मेदिरयों को निभा पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं.गोवा के मुख्यसचिव बी विजयन ने इस संबंध में एक चिट्ठी केंद्रीय गृह सचिव को लिखी है. चिट्ठी में बताया गया है कि चूंकि डीजीपी काफी बीमार हैं और उन्हें इलाज के लिए महीने में कम से कम एक बार दिल्ली जाना पड़ता है इसलिए उनका ट्रांस्फर दिल्ली कर दिया जाये. विजय ने लिखा है कि डीजीपी किशन कुमार ने भी इस संबंध में अपनी इच्छा जताई है.
किशन कुमार 1985 बैच के आईपीएस हैं और उनकी बीमारी हाल ही में डायग्नोज्ड हुई है.चूंकि गोवा में इस बीमार का समुचित इलाज की सुविधा नहीं है इसलिए उन्हें बार बार दिल्ली जाना पड़ता है इस कारण काम में भी बाधा आ रही है.
किशन गोवा के आईजी पुलिस भी रह चुके हैं. पिछले कुछ महीनों से एक विवाद का हिस्सा भी बने हुए. विधानसभा की एक कमेटी ने उनके ऊपर आरोप लगाया था कि वह ड्रग माफिया से मिले हुए हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि गोवा के डीजीपी ने एक ड्रग माफिया का संरक्षण दिया था. यह रिपोर्ट विधानसभा में पिछले सत्र के दौरान सौंपी गयी थी.
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