2011 में छाया शर्मा साउथ दिल्ली की डीसीपी बनी तो उन्हें इंडिया टुडे ने द ट्रांस्फॉर्मर की संज्ञा दी थी.पर अचानक सब बदल गया. दिल्ली रेप के मामले बाद उन्हें कर्तब्य में कोताही के कारण मिजोरम भेज दिया गया है.
हाल ही में दक्षिण दिल्ली में पांच वर्षीय मासूम के साथ गैंगरेप के बाद पुलिस की छवि पर जबर्दस्त झटका लगा है.एक प्रदर्शनकारी महिला को थप्पड़ मारने और पीड़िता के पिता को दो हजार रुपये लेकर चुप करनाने के पुलिस की करतूत ने उसकी जगहंसायी करा दी. इन तथ्यों की जांच रिपोर्ट ने भी दिल्ली पुलिस को दोषी ठहराया.
इसके बाद कुछ पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड किया गया तो कुछ को तड़ीपार की सजा दी गयी. छाया शर्मा को राजधानी से हटा कर मिजोरम भेज दिया गया.
जाहिर है छाया शर्मा का किरदार भी इस मामले में संतोषजनक नहीं था.
पर छाया शर्मा एक कड़क आफिसर मानी जाती रही हैं. वह खुद भी जागरण सिटी से इंटर्व्यू में एक बार कहा था कि महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए उन्हें रफ एंड टफ बनना ही पड़ता है. जब वह 2011 में साउथ जिला की डीसीपी बनीं तो इंडिया टुडे उन्हें ट्रांस्फॉर्मर कह के उनकी प्रशंसा की. 1999 बैच की आईपीएस छाया के पति भी आईपीएस अधिकारी हैं.
लेकिन दिसम्ब 2012 में 23 वर्षी महिला के साथ हुए गेंग रेप की घटना के बाद उपजे हालात ने छाया शर्मा को लापरवाह अधिकारी के रूप में सामने लाया है. उस समय छाया को इन हालात से निपटने की जिम्मेदारी थी.लेकिन ताजा घटना के बाद सरकार ने उनका ट्रांस्फर कर दिया है.
हालांकि छाया के ट्रांस्फर के बारे में गृह विभाग का कहना है कि मिजोरम में उनकी पोस्टिंग ड्यू थी इसलिए वहां भेजा गया है.