सरकार रसोई गैस का डुप्लीकेट कनेक्शन रखने वालों की पहचान के लिए एक तंत्र विकसित कर रही है, जिससे दो कनेक्शन रखना संभव नहीं होगा । यह बात पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई दिल्ली में पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड(पीएलएल) और कतर के रास गैस के बीच संशोधित गैस अनुबंध समझौते के मौके पर कही । श्री प्रधान ने कहा कि एक ऐसा तंत्र विकसित किया जा रहा है, जिसके जरिए डुप्लीकेट कनेक्शन रखने वालों का आसानी से पता लगाया जा सकेगा । एक वर्ष के भीतर इस तंत्र के विकसित हो जाने की उम्मीद है ।
श्री प्रधान ने कहा कि देश में 27 करोड़ परिवार हैं, जिनमें से साढ़े 16 करोड़ के पास रसोई गैस का कनेक्शन है । इसमें से साढ़े 14 करोड़ खाते में सीधे सब्सिडी हस्तातंरण योजना “ पहल” के तहत आ चुके हैं । दो से ढाई करोड़ डुप्लीकेट कनेक्शन हैं, उनका भी पता लगाने का काम तेजी से चल रहा है । प्रधानमंत्री के सम्पन्न वर्ग से रसाई गैस सब्सिडी छोड़े जाने की अपील का जिक्र करते हुए श्री प्रधान ने कहा कि इस वर्ष 27 मार्च को यह अपील की गयी थी और अब तक करीब 58 लाख लोग स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ चुके हैं । इनमें ऐसे वर्ग के लोग भी शामिल हैं, जिनके बारे में कल्पना भी नही की जा सकती थी ।
श्री प्रधान ने कहा कि सरकार अधिक से अधिक घरों में स्वच्छ ईंधन पहुंचाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है । देश में हर साल पांच लाख महिलाओं को परम्परागत तरीकों से भोजन पकाने के कारण होने वाली बीमारियों से जान गंवानी पड़ती है । उन्होंने कहा कि सरकार ने सब्सिडी छोड़ने वालों का फायदा गरीब वर्ग तक पहुंचाया है । गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 50 लाख परिवारों को नया गैस कनेक्शन दिया है । सरकार ने 10 लाख रुपये से अधिक आय वाले लोगों से भी सब्सिडी छोड़ने को कहा है और इसे उनकी इच्छा पर फिलहाल छोड़ा गया है । श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार राजधानी दिल्ली में सीएनजी पंपों और सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने के उद्देश्य से रात के समय सस्ती कीमत पर सीएनजी की बिक्री शुरू करेगी ।