बिहार सरकार ने आज स्वीकार किया कि राज्य में चिकित्सकों की भारी कमी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधान परिषद् में भारतीय जनता पार्टी के रजनीश कुमार के एक तारांकित सवाल के जवाब में कहा कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों से गरीबों का समुचित इलाज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में चिकित्सकों की भारी कमी है।
श्री पांडेय ने कहा कि चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के तहत चिकित्सकों को संविदा पर नियोजित कर पदस्थापित कर रहा है। सामान्य चिकित्सकों की नियुक्ति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा की जा रही है। मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही विभाग के स्तर से भी अनुबंध के आधार पर चिकित्सा पदाधिकारियों और विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारियों के नियोजन के लिए विभाग की ओर से 25 जनवरी 2017 को निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि महिला चिकित्सक समेत सामान्य चिकित्सकों की शीघ्र नियुक्ति के लिए बिहार तकनीकी चयन आयोग के माध्यम से नियुक्ति का अनुरोध सामान्य प्रशासन विभाग से किया गया है।
श्री पांडेय ने कहा कि इसके अलावा बिहार चिकित्सा सेवा और बिहार चिकित्सा शिक्षा सेवा से अवकाश प्राप्त सामान्य चिकित्सकों एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद पर फिर से नियोजित करने के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में भी चिकित्सकों की कमी को देखते हुए सामान्य चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा मानदेय के आधार पर ली जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसे चिकत्सकों के मानदेय में समय-समय पर वृद्धि की जाती है।