देश में ड्रोन के नागरिक इस्तेमाल के लिए उनका पंजीकरण कल से शुरू हो गया, हालाँकि सामानों की डिलिवरी के लिए इसके इस्तेमाल की अभी अनुमति नहीं होगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया कि डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ड्रोन का पंजीकरण हो सकेगा। इसी पर फ्लाइट प्लान भी अपलोड किया जा सकेगा। यह प्लेटफॉर्म आज से ‘लाइव’ हो गया है। सरकार ने इस साल अगस्त में ड्रोन के इस्तेमाल संबंधी नियम जारी किये थे, जो 01 दिसंबर से प्रभावी हो गये हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि ड्रोन भविष्य का उद्योग है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हम इससे संबंधित नियम बनाने के मामले में अग्रणी हैं। भारत इस क्षेत्र में नेतृत्व करेगा और ड्रोन के लिए वैश्विक मानक तय करने के लिए दुनिया के अन्य देशों के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने कहा कि नैनो या अतिसूक्ष्म ड्रोनों के इस्तेमाल के लिए किसी प्रकार के पंजीकरण या पूर्वानुमति की जरूरत नहीं होगी। इनका परिचालन तत्काल किया जा सकता है। वजन के हिसाब से ड्रोनों का वर्गीकरण किया गया है। नैनो ड्रोन 250 ग्राम या उससे कम वजन वाले हैं। इनसे भारी और दो किलोग्राम वजन तक वाले ड्रोन सूक्ष्म, दो किलोग्राम से भारी और 25 किलोग्राम तक के ड्रोन छोटे, 25 किलोग्राम से भारी और 150 किलोग्राम तक के ड्रोन मध्यम तथा 150 किलोग्राम से भारी ड्रोन बड़े की श्रेणी में रखे गये हैं।
सूक्ष्म तथा इससे भारी ड्रोनों का पंजीकरण कराना होता है तथा उड़ान से पहले फ्लाइट प्लान डिजिटल स्काई पर अपलोड करना होगा। इन ड्रोनों ‘अनुमति नहीं तो उड़ान नहीं’ का सॉफ्टवेयर होगा जो बिना फ्लाइट प्लान के ड्रोन को उड़ान भरने से रोकेगा। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा “भारत में लाखों की संख्या में ड्रोन के परिचालन के हमारे ध्येय को पूरा करने की दिशा में आज हमने पहला कदम उठाया है। ड्रोन प्रौद्योगिकी में देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे ले जाने की क्षमता है। इससे किसानों, बुनियादी ढाँचा क्षेत्र की इकाइयों जैसे रेलवे, सड़क, बंदरगाह, खदान और कारखानों तथा बीमा, फोटोग्राफी और मनोरंजन जैसे सेवा क्षेत्रों को काफी लाभ होगा।”