असम में ढ़ोला-सादिया पुल पर भाजपा समर्थकों द्वारा फैलाये जा रहे तमाम झूठ की पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगई ने कलईखोल कर रख दी है.
तरुण गगोई ने भाजपा के कुछ नेताओं के इस दावे को झूठा करार दिया है जिसमें दावा किया गया था कि पुल के निर्माण की स्वीकृति अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने दी थी.
कांग्रेस के नेता और असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगई ने ट्विट कर के लिखा कि भारत का सबसे लम्बे पुल ढ़ोला-सादिया पुल कांग्रेस का ब्रेनचाइल्ड है जिसे 2009 में केंद्रीय कैबिनेट अप्रूव किया था और इस का निर्माण कार्य 2011 में शुरू हुआ था.
ढ़ोला-सादिया पुल की लम्बाई 9,15 किलोमीटर की है जो देश का सबसे लम्बा पुल है. हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस पुल का उद्घाटन किया था और इसका नाम भुपेन हजारिका पुलि रखा गया है. यह पुल ब्रह्मपुत्र की सहयोगी लोहित नदी पर बना है.
गौर तलब है कि सोशल मीडिया पर भाजपा समर्थक इस पुल के निर्माण के अप्रुवल का क्रेड़िट वाजपेयी सरकार को दे रहे हैं. ऐसे में तरुण गगोई ने वैसे लोगों की बोलती बंद कर दी है. गगोई ने इस पुल को असम और अरुणाल के लोगों के लिए बहुत बड़ा गिफ्ट स्वीकार करते हुए मनमोहन सिंह सरकार को धन्यवाद दिया.
लेकिन पुल के उद्घाटन करने के बाद सोशल मीडिया पर झूठ फैलाना शुरू किया कि 2003 में वाजपेयी सरकार इस पुल को स्वीकृति दे चुकी थी. कांग्रेस सरकार ने इसे दस साल ठंडे बसते में डाल दिया. प्रधानमंत्री कोई एक दास्तावेज तो बताये कि इस पुल पर कभी कोई विचार भी किया था वाजपेयी सरकार ने.