अपने तबादले से आहत आईएएस अफसर अशोक खेमका ने मुखयमंत्री से मिलने के बजाय राज्यपाल से सीधेमिल कर साबित कर दिया है कि वह राजनेताओं की जीहुजरी करने में विश्वास नहीं करते।
ध्यान रहे कि पिछले दिनों खेमका के हुए तबाले पर बवाल मचने के बाद कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने खेमका को तबादले के संबंध में सोशल मीडिया या मीडिया में जाने की बजाय मुख्यमंत्री से बात करने की सलाह दी थी, लेकिन वह मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव के पास तो नहीं गए, राजभवन जरूर जा पहुंचे।
सूत्रों के अनुसार खेमका ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए अपने दो साल से पहले हुए तबादले पर आपत्ति जताई है। साथ ही वे तमाम कारण भी गिनवाए, जिनकी वजह से खेमका को लगता है कि उनका तबादला हुआ है। राज्यपाल ने उनकी बात को सुना। सूत्रों के अनुसार खेमका को भी धैर्य बरतने की सलाह दी गई है। साथ ही कहा गया है कि राज्य सरकार को कुछ विशेष अधिकार होते हैं।
आई अम स़ाॅरी
चंडीगढ़ में खेमका ने कहा
”मैं अपने तबादले पर कुछ भी बोलना नहीं चाहता। मेरी कुछ पाबंदियां हैं। मजबूरी है। आप अच्छे से समझ सकते हैं। आई एम सारी।
आइएएस डॉ. अशोक खेमका ने अपने तबादले के बाद शुक्रवार शाम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी से मुलाकात की है, जिसके बाद एक बार फिर सियासी पारा चढ़ गया। राज्यपाल के साथ करीब आधे घंटे तक हुई मुलाकात पर खेमका ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
खेमका अपने तबादले के बाद मीडिया से कन्नी काट रहे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर उन्होंने अपने तबादले को दुखदायी बताकर नई बहस जरूर छेड़ दी है। राष्ट्रीय स्तर पर छिड़ी बहस के बीच खेमका ने राज्यपाल से शाम करीब साढ़े पांच बजे मुलाकात की।
कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने खेमका को तबादले के संबंध में सोशल मीडिया या मीडिया में जाने की बजाय मुख्यमंत्री से बात करने की सलाह दी थी, लेकिन वह मुख्यमंत्री या मुख्य सचिव के पास तो नहीं गए, राजभवन जरूर जा पहुंचे।
माना जा रहा है कि खेमका ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का हवाला देते हुए अपने दो साल से पहले हुए तबादले पर आपत्ति जताई है। साथ ही वे तमाम कारण भी गिनवाए, जिनकी वजह से खेमका को लगता है कि उनका तबादला हुआ है। राज्यपाल ने उनकी बात को सुना। सूत्रों के अनुसार खेमका को भी धैर्य बरतने की सलाह दी गई है।
साथ ही कहा गया है कि राज्य सरकार को कुछ विशेष अधिकार होते हैं।