पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की राज्य की यात्रा की तर्ज पर मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी बिहार की यात्रा पर निकलेंगे. लेकिन दोनों यात्राओं में क्या फर्क है?
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को यह महसूस हो चुका है कि राजधानी पटना में बैठ कर राज्य की कानून व्यवस्था का जायजा लेना कठिन है.सो उन्होंने यह फैसला किया है कि वह अब जिलों में जायेंगे और खुद अपनी आंखों से हालात देखेंगे.
इसकी शुरूआत वह 6 सितम्बर से बेतिया से करेंगे.
ध्यान रहे कि पिछले महीने की 29 तारीख को मुख्यमंत्री ने तमाम जिलों के कोलेक्टरों और एसपी को पटना बुलाया था. कानून व्यवस्था और विकास कार्यों पर बातचीत की थी. आवश्यक निर्देश भी दिये थे. लेकिन अब मुख्यमंत्री ने महसूस किया है कि उनके निर्देशों पर कितना अमल शुरू हो सका है इसे खुद देखने वह जायेंगे. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले बेतिया को चुना है.
याद दिलाने की बात है कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में जब यात्रा पर निकलते थे तो वह इसकी शुरूआत बेतिया से ही करते थे. उन्होंने विकास यात्र, धन्यवाद यात्रा जैसी अनेक यात्राओं की शिरुआत बेतिया से ही की थी.
हालांकि मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपनी यात्रा को कोई नाम तो नहीं दिया है लेकिन वह इन यात्राओं के माध्यम से कानून व्यवस्था और विकास कामों की समीक्षा करेंगे.इसके लिए उन्होंने तमाम अधिकारियों को मैके पर मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है. यह एक तरह से समीक्षा बैठक होगी. नीतीश की यात्रा और जीतन राम मांझी की यात्रा में फर्क यह है होगा कि मांझी आम लोगों के बजाये अधिकारियों से बात करने को तरजीह देंगे.