शादी के पंद्रहवें दिन पति ने कोमल को घर से निकाला था तब उन्होंने तय कर लिया कि वह शक्तिशाली बनेगी ताकि पति को अवकात बात सके. आज कोमल यूपीएसी की परीक्षा पास कर चुकी हैं.
सैयद खालिक अहमद, इंडियन एक्सप्रेस
वह न्युजीलैंड में रह रहे पति की मांग के अनुरूप जहेज नहीं ला सकी थीं. लेकिन आज गुजरात की कोमल परवीन भाई गनातरा ने यूपीएससी की परीक्षा में 591 वां रैंक प्राप्त कर अपनी “उपेक्षा” को अपनी मजबूती बना चुकी हैं.
कल तक एक प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका के रूप में काम करने वाली कोमल अब भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी के रूप में ज्वायन करने वाली हैं.
कोमल कहती हैं, “निश्चित तौर पर मैं अपने पति को कानून के कटघरे में खड़ा करेंगी. मैं यह काम पहले करना चाहती थी पर मुझे पता था कि मैं गरीब हूं और कानूनी प्रक्रिया से मेरी पढ़ाई बाधित होगी’. लेकिन अब मैं इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करूंगी”.
हालांकि कोमल के पास पति शैलश पोपट का कोई सम्पर्क सूत्र नहीं है पर यह कोई समस्या नहीं है. शैलेश ने मुझे अपना पता या नम्बर कभी नहीं दिया. मुझे यह भी नहीं पता कि वह न्यूजीलैंड में क्या करते हैं.
शैलेश ने कोमल को 2008 में शादी के कुछ ही दिनों बाद छोड़ दिया था. पर आज तक कोमल को तलाक भी नहीं दिया है.
कोमल ने राजकोट से इंजिनियरिंग में डिपलोमा भी कर रखा है.और पति शैलेश ने राजकोट से ही केमेस्ट्री में एमएससी किया है.
कोमल कहती हैं कि “जब पति ने उन्हें छोड़ दिया तब उसके बाद मैं सिविल सेवा ज्वायन करने के सपने देखने लगी.यह कोमल का जीवट है कि उन्होंने 2008 के बाद से लगातार सिविल सेवा की परीक्षा में बैठती रहीं और नाकाम भी होती रही. पर चौथी बार में कोमल ने अपनी मंजिल पा कर ही दम लिया.
अब जबकि कोमल ने अपने करियर का सपना पूरा कर लिया है, उनके संघर्ष का दूसरा चरण पति से अपना हक वापस लेने के लिए होगा.
कोमल की लगनशीलता उन्हें इस संघर्ष में भी जरूर सफल बनायेगी.