दो महीने पहले मेरठ में लव जिहाद के षड्यंत्र का आखिरकार पर्दाफाश हो ही गया. अब लड़की ने बयान दिया है कि न तो उसका गैगरेप हुआ और न ही धर्म परिवर्तन कराया गया.
लड़की के इस बयान से लव जिहाद की घृणित साजिश करने वालों के पास अब कोई तर्क नहीं बचा है. मालूम हो कि मेरठ की इस घटना के बारे में कुछ संगठनों और मीडिया के एक हिस्से ने इतनी हवा दी कि वहां साम्प्रदायिक तनाव की हालत पैदा हो गयी थी. यह सब तब हुआ जब वहां उप चुनाव का माहौल था.
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दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में बताया गया है कि लड़की ने पुलिस के सामने बयान दिया है कि उसे अपने ही परिवार से जान का खतरा है. लड़की का कहना है कि नेताओं ने परिवार वालों को पैसे देने बंद कर दिये जिस वजह से वे अब उसके साथ मारपीट कर रहे हैं.
लड़की के इस बयान से अब यह भी स्पष्ट हो गया है कि कुछ संगठनों ने लड़की के पिता को पैसे देकर पुलिस में धर्म बदलने और बेटी का बलात्कार करने का आरोप लगाया था .
याद रहे कि कुछ महीने पहले भाजपा की बैठक में लव जिहाद के मुद्दे को गंभीरता से उठाने की रणनीति बनी थी. आरएसएस ने तो बजाब्ता इसके लिए अपनी टीमें गठित कर रखी थी जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद के मुद्दे को तलाशने और उसके खिलाफ आंदोलन चलाती रही. इसके लिए संघ के लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक पर्चे वितरित किये.
लड़की पुलिस तक पहुंची कैसे
अगस्त में उजागर हुई इस घटना के बाद पुलिस ने लड़की और उसके परिवार की सुरक्षा के लिए पुलिसबल तैनात किया ता. लेकिन लड़की के पिता ने शनिवार को लिखित रूप से पुलिस सुरक्षा वापस लेने का आग्रह किया. जैसे ही पुलिस उसके घर से गयी, लड़की ने मौका मिलते ही पुलिसस्टेशन पहुंच कर अपना ताजा बयान दिया.
भास्कर डॉट कॉम की खबरों में बताया गया है कि पुलिस को दी लिखित शिकायत में युवती ने कहा कि उसके परिजन उसे लगातार परेशान कर रहे हैं. यदि वह थाने नहीं पहुंचती तो उसे मार दिया जाता. पुलिस ने युवती को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से उसे नारी निकेतन भेज दिया गया है.
यह है पूरा मामला
पाठकों को याद होगा कि मीडिया में यह खबर बड़े जोर-शोर से उठा गया कि मेरठ के थाना खरखौदा क्षेत्र के गांव सरावा की एक हिंदू लड़की ने आरोप लगाया था कि 30 जुलाई को गांव के ही प्रधान और हाफिज नाम के शख्स ने अपने साथियों के साथ मिलकर हापुड़ से उसका अपहरण कर लिया था.इसके बाद आरोपियों ने उसके साथ गैंगरेप किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया. युवती ने तीन अगस्त को इस संबंध में अपने परिजनों को आरोपियों के चुंगल से छूटकर आने की बात कहते हुए यह जानकारी दी थी।
अपहरण की जानकारी मिलने के बाद पीड़िता के परिजनों ने थाना खरखौदा में आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. धर्म परिवर्तन और गैंगरेप का मामला सामने आने पर मामले ने तूल पकड़ लिया था। युवती के बयान के आधार पर पुलिस ने जांच-पड़ताल की थी. इस मामले में ग्राम प्रधान और आरोपी हाफिज सन्नाउल्ला सहित 10 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. गिरफ्तार आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल थीं जो अभी जेल में बंद हैं. ऐसे में, रविवार को युवती द्वारा अपने परिजनों पर जान से मारने का आरोप लगाए जाने से इस घटनाक्रम में नया मोड़ आ गया है.