राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन के लिए दिल्ली के जेलप्रशासन काफी सतर्कता बरत रहा है. उनके वार्ड में ऐसे तमिल भाषी गार्ड्स रहेंगे जो हिंदी या उर्दू न तो समझ पायेंगे और ना ही बोल पायेंगे. इतना ही नहीं शहाबुद्दीन के लिए अलफाबेटिकल वार्ड के बजाये एक ऐसे वार्ड को तैयार किया गया है जहां किसी अन्य कैदी का आना-जाना संभव न हो.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को सीवान की जेल से शिफ्ट करके तिहाड़ जेल में भेजने का आदेश दिया है. शहाबुद्दीन को इसी हफ्ते किसी भी दिन तिहाड़ शिफ्ट किया जाना है.
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर में बताया गया है कि तिहाड़ जेल प्रशासन ने शहाबुद्दीन के रहने की पूरी तैयारी कर ली है. जेल प्रशासन के एक अधिकारी ने अखबार को बताया है कि “शहाबुद्दीन इस बात के लिए जाने जाते हैं कि वह कैदियों और जेलकर्मियों को अपने प्रभाव में ले सकते हैं ऐसे में जेल प्रशासन कोई चांस लेना नहीं चाहता इसलिए उनकी सारी गतिविधियों को मॉनिटर की जायेगी. अगर उनका रवैया सकारात्म रहा तो जेल प्रशासन उसी हिसाब से उनके साथ व्यवहार करेगा”.
गौरतलब है कि सीवान जेल में शहाबुद्दीन के रहने को ले कर चंदा बाबू नामक अपीलकर्ता ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि उन्हें सीवान से दिल्ली शिफ्ट किया जाये क्योंकि उनके सीवान जेल में रहने से सुनवाई प्रभावित हो सकती है. इस अर्जी को स्वीकार करते हुए अदालत ने आदेश दिया है कि शहाबुद्दीन को एक हफ्ते के अंदर तिहाड़ लाया जाये और उनकी अदालती सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिये की जाये.