बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तीन तलाक पर सर्वोच्च नयायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक व युगान्तकारी है. सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय सामाजिक सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो स्वागतयोग्य है.
नौकरशाही डेस्क
सुमो ने कहा कि धर्म के नाम पर किसी भी समुदाय या धर्म विशेष की महिलाओं के साथ भेदभाव, शोषण और उनके साथ होने वाले अत्याचार को किसी भी कीमत पर जायज नहीं ठहराया जा सकता है. मुस्लिम धर्मग्रन्थ कुरान तक में तीन तलाक का कोई जिक्र नहीं है. 50 से ज्याद मुस्लिम देशों में इस कुप्रथा पर पहले से ही रोक है. बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं तीन तलाक जैसी कुप्रथा के कारण अत्याचार व अन्याय की शिकार थी.
केन्द्र सरकार को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले को काफी मजबूती से केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा, जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को फैसला लेने में सहूलियत हुई है.सभी राजनीतिक दलों से उन्होंने अपील की कि तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का एक स्वर से स्वागत करना चाहिए. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से सती प्रथा के खिलाफ राजा राम मोहन राय की पहल पर अंग्रेजों ने कानून बना कर उस कुप्रथा पर रोक लगायी थी, इसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर वर्षों से प्रताड़ित-शोषित मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति दिया है. यह एक सामाजिक सुधार की पहल है जो स्वागत योग्य है.