छपरा के बनियापुर विधानसभा क्षेत्र का गाजी बनने को लालायित हर नेता को जहरीला मिड डे खा कर मरने वाले तीन दर्जन मासूमों की माओं के जख्म का हिसाब देना पड़ सकता है.
अनूप नारायण सिंह, छपरा से
दर्द ऐसा की दो वर्ष बाद भी जखम ताजा है,जहरीला मिड डे मील खा कर जान गवांने वाले तीन दर्जन मासूमो की कब्र वाले इस गांव में पक्की सड़क पक्का स्कूल तो बन गया है पर लोगों के जेहन से आज भी उस त्रासदी का भय नही निकला है.
चुनाव कहानी: बनियापुर असेम्बली, छपरा
16 जुलाई 2013 की वह मनहूस दोपहरी आज तक बनियापुर विधान सभा और मशरख थाना क्षेत्र में आने वाले गंडामन धर्मसती के ग्रामीण नही भूल पाये हैं. इस दिन गांव के प्राथमिक बिद्यालय में जहरीला मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की तत्काल और 5 बच्चों की इलाज के दौरान मौत हुई थी. भूख- गरीबी की कोख में बसे इस गांव की चर्चा इस हादसे के बाद पूरी दुनिया में हुई थी.
इस हादसे के कुछ दिन पहले ही महाराजगंज लोक सभा का उपचुनाव हुआ था.यह इलाका उसी लोक सभा के अंतर्गत आता हैं. इस काण्ड के आरोपी मुख्या, शिक्षिका मीणा देवी के पति अर्जुन राय का जुड़ाव प्रभुनाथ सिंह से था. वह उप चुनाव में उनका पोलिंग एजेंट भी था.उस चुनाव में राज्य के तत्कालीन शिक्षा मंत्री और भाजपा जदयू के संयुक्त उमीदवार प्रशांत कुमार शाही को राजद के प्रभुनाथ सिंह ने मात दी थी.
इस कांड का जमकर राजनीतिकरण हुआ. बलि का बकरा बानी मीणा देवी और उसका पति अर्जुन राय.मतमपुरसी के बहाने मुआवजा, गांव में पक्की सड़क, पका बिद्यालय और बिजली का पोल लगा पर गंडामन की माओ का दर्द आज भी जस का तस ही है.
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