सचिन तेडुलकर को मिले भारत रत्न की चकाचौंध में मीडिया ने विख्यात वैज्ञानिक सीएन राव को गुम कर दिया है जिन्हें भी भारत रत्न से नवाजा गया.
पर हम बताते हैं इस वैज्ञानिक के बारे में जिन्होंने भारतीय विज्ञान से लेकर रसायन शास्त्र में बडे कारनामे आंजाम दिये.
सीएन राव का पूरा नाम प्रोफेसर चिंतामणि नागेश रामचंद्र राव है वह रत्न से सम्मानित किए जाने वाले तीसरे वैज्ञानिक हैं.
पहले सीवी रमण और पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न से नवाजा जा चुका है। 79 साल के प्रोफेसर राव 60 विश्वविद्यालयों द्वारा मानद डॉक्ट्रेट की उपाधि से सम्मानित किए जा चुके हैं.
सीएन राव जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस सायंटिफिक रिसर्च, बैंगलोर के मानद अध्यक्ष हैं. इनका जन्म 320 जून 1934 को बैंगलोर में हुआ था. राव सॉलिड स्टे ऐंड मैटेरियल रसायन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय पहचान रखते हैं.
वह आईआईटी कानपुर में रसायन के प्रफेसर रहे साथ ही ऑक्सफोर्ड विश्विद्यालय के कॉमनवेल्थ विजिटंगि प्रोफेसर भी हैं. उन्होंने 1983-84 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में भी पढाया.
उन्हें दर्जनों राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं. जिनमें अलबर्ट आइंस्टाइन गोल्ड मेडल, हेवरोस्की गोल्ड मेडल चेक अकादमी, अमेरिकन इंस्टिच्यूट का केमिकल पॉयोनियर अवार्ड प्रमुख हैं.
भारत रत्न से नवाजे जाने के बाद प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो. सीएन राव ने कहा कि भारत रत्न सम्मान उनके लिए बिल्कुल आश्चर्यजनक है और उन्हें विश्वास नहीं होता कि वह देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से पुरस्कृत किए गए हैं.