महागठबंधन से अलग होकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एनडीए के साथ सरकार बनाने के बाद से वे लगातार राजद के निशाने पर हैं. जहां पहले राजद की ओर से धारा हत्या के केस में नीतीश से इस्तीफा मांगा गया, वहीं मंगलवार को लालू यादव ने उन्हें पलटू राम बताया दिया और आज पूर्व उपमुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनकी अंतरात्मा और नैतिकता पर हमला बोला.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश अपने ऊपर लगे हत्या के आरोपों पर चुप क्यों हैं? उनकी अंतरआत्मा की आवाज कहां गई. मैंने जो सवाल विधानसभा में नीतीश जी से किए थे, उनका जवाब आज तक नहीं मिला है. क्या जीरो टॉलरेंस की बात करने वाले नीतीश कुमार पनामा पेपर लीक केस में नाम आने वाले लोगों के खिलाफ जांच की मांग करेंगे? व्यापम घोटाले में क्यों नहीं बोल रहे हैं? इस केस में भाजपा के कई नेताओं और उनके बेटों के नाम आए थे. पनामा केस में नाम आने पर दो देश के पीएम को पद छोड़ना पड़ा, लेकिन अपने यहां कुछ नहीं हो रहा.
उन्होंने पूछा – क्या नीतीश की आत्मा कुर्सी आत्मा है? नीतीश कुमार अपनी सहूलियत से अंतरआत्मा को जगाने और सुलाने का काम करते हैं. क्या इनकी आत्मा, कुर्सी आत्मा, डर आत्मा या मोदी आत्मा है? नीतीश को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार में इरोगेंस अधिक है. अगर वे सोचते हैं कि अंतिम सांस तक वे सीएम रहेंगे, तो यह उनका घमंड है. लोकतंत्र में ये बड़े नेता को शोभा नहीं देता है.
उन्होंने कहा कि बेनामी प्रॉपर्टी और रेलवे टेंडर स्कैम में केस दर्ज होने के बाद बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की डिमांड कर रही थी. इसके बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया और फिर एनडीए के सपोर्ट से बिहार में सरकार बना ली. नीतीश की कैबिनेट में शामिल 75 फीसदी लोग दागी हैं. उन्हें किस हैसियत से मंत्री बनाया गया. उन्हें 28 साल के साफ छवि वाले मंत्री के साथ बैठने में दिक्कत थी. तेजस्वी ने परिवारवाद पर पूछा कि पशुपति नाथ पारस क्या हैं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कुर्सी के चक्कर में फंस गए हैं. भाजपा अपने धोखे का बदला धोखा देकर कर सकती है. पहले सभी पदों पर अपने लोगों को लाकर नीतीश कुमार बर्बाद कर देगी. सरकार बहुत कम समय तक ही चलेगी.
तेजस्वी ने सुशील मोदी व भाजपा से पूछा कि 2013 में नीतीश कुमार ने क्यों उन्हें सरकार से बाहर निकाल कर फेंक दिया. क्या तब भाजपा का भ्रष्टाचार बढ़ गया था या सुशील मोदी का इंटरफेरेंस बढ़ गया था. भाजपा के लोग बताएं कि नरेंद्र मोदी जी ने जो नीतीश कुमार को डीएनए पर गाली दी थी, क्या आज भी वे इस पर कायम हैं या उनकी राय बदल गई है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार विकास के नाम पर काई काम नहीं कर रहे, जबकि हमने उपमुख्यमंत्री रहते केंद्र की सरकार से विकास के कई कार्य करवा लिए.
गौरतलब है कि बेनामी प्रॉपर्टी और रेलवे टेंडर स्कैम में केस दर्ज होने के बाद बीजेपी लगातार तेजस्वी के इस्तीफे की डिमांड कर रही थी. इसके बाद नीतीश ने इस्तीफा दे दिया और फिर एनडीए के सपोर्ट से बिहार में सरकार बना ली.