बिहार विधानसभा में आज भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की जमकर बहस हुई। विधानसभा में राष्ट्रीय जनता दल के ललित यादव और अन्य के कार्यस्थगन प्रस्ताव को नियमानुकूल नहीं होने के कारण अमान्य किये जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राज्य में हुए विभिन्न घोटालों का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहचान अब विकास पुरुष के रूप में नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के पितामह की हो गयी है। राज्य में अब आये दिन घोटाले उजागर हो रहे हैं और सरकार छोटे कर्मचारियों को फंसा कर बड़े लोगों को बचाने में लगी है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार बताये कि क्या उसने उजागर हो रहे घोटालों के मामले में किसी भी मंत्री या सचिव स्तर के अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है। सरकारी खजाने की हिफाजत की जिम्मेवारी सरकार की है लेकिन वह जनता के पैसे को लुटवाने में लगी है। उन्होंने कहा कि अब नैतिकता कहां चली गयी है।
इसपर उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष 28 साल की उम्र में 28 संपत्ति के मालिक कैसे बने और उनके पास 1,000 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति कहां से आयी, इसका भी जबाब दें और उसके बाद घोटाले की बात करें। इसपर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वह करीब डेढ़ वर्ष तक मंत्री के पद पर रहे और इस दौरान कोई गड़बड़ी हुई तो वह बतायें।
इसके जवाब में श्री मोदी ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को बताना चाहिए जिस मॉल की मिट्टी को खपाने के लिए घोटाला हुआ है, वह किसका है। उन्होंने कहा कि श्री यादव के घोटाले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय कर रहा है। बहुत जल्द ही उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल होने वाला है।
इसके बाद श्री तेजस्वी यादव ने श्री मोदी पर पलटवार करते हुए कहा कि बिहार में घोटालों की सेल लगी हुई है।