बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह युवा राजद नेता तेजस्वी यादव ने रक्षा बंधन के बाद एक बार फिर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले तेज किये हैं. उन्होंने सोमवार की सुबह पहले ही ट्विट के जरिये जाहिर कर दिया कि वे मुजफ्फरपुर महापाप मामले में नीतीश कुमार को शांत नहीं रहने देंगे. तभी तो उन्होंने अपने चचा पर तंज करते हुए कहा कि 11 करोड़ बिहारवासियों के जनादेश का चीरहरण करने वाले नीतीश जी को केवल 40 लड़कियों के संस्थागत जनबलात्कार के बाद उनकी हत्या पर शर्म थोड़े ना आयेगी?
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने अभिषेक सिंघवी के ट्विट ‘मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम कांड पर सरकार उपदेश देने की जगह मूर्त रूप में कार्य करे और परिणाम दे. सरकार किसकी प्रतीक्षा कर रही है और अपनी जिम्मेदारी किस पर थोप रही है?यंत्र, तंत्र, सत्ता और अधिकार आपके पास है. फिर परिणाम क्यों नहीं दिखते?’ को रिट्विट कर लिखा कि परिणाम इसलिए नहीं दिख रहे क्योंकि नीतीश कुमार की किचन कैबिनेट के सदस्य इस महापाप में संलिप्त है. मुज़फ़्फ़रपुर बलात्कार कांड के मुख्य आरोपी के घर मुख्यमंत्री नीतीश जी का आना-जाना था. नीतीश जी ने IPRD मंत्री की हैसियत से उसके अख़बारों को बिना जाँच के करोड़ों रुपए के विज्ञापन दिए.
तेजस्वी ने आगे लिखा कि 11 करोड़ बिहारवासियों के जनादेश का चीरहरण करने वाले नीतीश जी को केवल 40 लड़कियों के संस्थागत जनबलात्कार के बाद उनकी हत्या पर शर्म थोड़े ना आयेगी? 3 महीने बाद तथाकथित शर्मसार हुए तो वह भी शर्माते-शर्माते. नैतिक कुमार जी, कहाँ है नैतिकता? अंतरात्मा बाबू, कहाँ है मानवीय संवेदना? फिर इसी ट्विट को तेजस्वी ने रिट्विट भी किया और लिखा कि पूरे विश्व में संस्थागत Mass Rape का यह दुर्लभ केस है, जहाँ एक ही छत के नीचे 40 बच्चियों का सरकारी संरक्षण में सामूहिक बलात्कार किया गया है. लेकिन सरकार मे बैठे गूँगे,बहरे व अंधे हुक्मरानों द्वारा आत्मा को झकझोरने वाले कुकृत्य करने वालों को सज़ा दिलाने की बजाय बचाया जा रहा है.
तेजस्वी का यह तेवर साफ जाहिर करता है कि मुजफ्फरपुर मामले में वे नीतीश सरकार पर अपना रूख नरम नहीं करने वाले. मालूम हो कि मुजफ्फरपुर मामले में विपक्ष की ओर से सीबीआई जांच की मांग की गई थी, जिसे सरकार ने मान लिया था और फिलहाल सीबीआई इस मामले की जांच भी कर रही है.