बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी द्वारा महागठबंधन दरार जैसे बयानों पर पलटवार करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी उनके ही अंदाज में हमला बोला. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्वीटर पर एक के बाद एक ट्वीट कर तेजस्वी ने कहा कि बिहार बीजेपी टूट के कगार पर है. उन्होंने ये भी कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन में सहयोगी दल उनसे परेशान हैं.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा, ‘मांझी जी ने सही कहा कि बिहार BJP में किसी की हैसियत नहीं जो गठबंधन पर मुँह खोले. ये सब फ़ालतू में अपने स्वादानुसार नमक-मिर्च डाल रायता फैलाते है.
अपने अगले ट्वीट में हाल ही में भाजपा सांसदों के बयानों से उभरे मतभेद को रेखांकित करते हुए लिखा, ‘BJP सांसद नित्यानंद राय कुछ तो दूसरे सांसद अश्वनी चौबे उनसे बिल्कुल अलग ही बोलते है. कीर्ति आज़ाद, शत्रुघ्न सिन्हा व भोला सिंह उनसे भी विपरीत’.
तेजस्वी ने भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को चाइलेंज करते हुए लिखा, ‘सुशील मोदी में हिम्मत है तो मांझी जी की बात का खंडन करें और कहे की गठबंधन पर बिहार BJP निर्णय लेगी. इस पर केंद्र का कोई लेना-देना नहीं है’. उन्होंने आगे लिखा, ‘बिहार BJP टूट के कगार पर है. इनके 7-8 सांसदो की हमेशा ही अलग-अलग राय होती है. इनके गठबंधन सहयोगी इनकी गुटबाज़ी और तानाशाही से अलग ही परेशान है’. एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘बिहार BJP में गुटबाज़ी इतने चरम पर है कि प्रतिस्पर्धावश ख़बरों में आने के लिए ये किसी पर भी, कहीं पर भी, कुछ भी अनर्गल आरोप लगा सकते है.’, ‘BJP कभी भी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर सकती. इनके जम्मू से कन्याकुमारी तक देशभर के सभी सहयोगी घटक दल इनकी तानाशाही और मनमानी से त्रस्त है’.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को भी तेजस्वी ने सुशील मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जी में हिम्मत नहीं है कि वे गठबंधन तोड़ दें. हंसी आती है इनकी बातों पर. हिम्मत की बात भी सुशील मोदी उस शख़्स से कर रहे है, जिसने लगातार तीन दशक से भाजपा की नकारात्मक राजनीति के मंसूबों को रौंदा है. उन्होंने कहा था कि उसी लालू प्रसाद ने अंगद की तरह पांव जमाकर बिहार को संघी आग से लगातार बचाया है. सुशील मोदी ज़रा उस सूरमा का नाम तो बताए, जिसने आडवाणी के साम्प्रदायिक रथ का चक्का जाम कर दिया ? देश में किसके पास थी इतनी हिम्मत ? उसी रथयात्रा के प्रबंधक नरेंद्र मोदी जब दो दशक बाद अपनी अपनी सारी ताकत झोंक कर बिहार जितने आए तो किसने अपनी हिम्मत से उनके सारे सपनों को मसल दिया ?