पूर्व उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने आज वही दांव चली, जो कभी विपक्ष में रहते भाजपा उनके लिए चलती थी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी कारगुजारियों की वजह से अपने राजनीतिक जीवन के सबसे कठिनतम दौर से गुज़र रहे है. आजकल वो अपने गठबंधन सहयोगी से कुछ ज़्यादा ही परेशान है. बता दें कि जब महागठबंधन की सरकार थी, तब भाजपा नेता लगातार महागठबंधन में नीतीश कुमार की परेशानी का जिक्र की बात करते थे.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने अपने फेसबुक वाल पर लिखा कि जिस सहयोगी को दिन-दहाड़े जनादेश लूटवाया, अब वह उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा रहा है. क्योंकि इन्हीं नीतीश कुमार ने कुछ वर्ष पूर्व उनको मिले जनादेश के साथ भी ऐसा ही विश्वासघात किया था. भाजपा यह कैसे भूल सकती है कि नरेंद्र मोदी के नाम पर किस ठसक और अभिमान के साथ नीतीश कुमार ने उन्हें सरकार से बेइज़्ज़त कर बाहर निकाल फेंका था.
उन्होंने कहा कि नागपुर में बैठे संघी कैसे भूल सकते है कि देश को संघमुक्त करने का नारा किसने दिया था ? भाजपा ने बिहार से नीतीश कुमार का बोरिया-बिस्तर बांधने का बंदोबस्त शुरू कर दिया है. नीतीश कुमार को दिल्ली में रहने के लिए भाजपा ने बड़ा बंगला दे दिया गया है. वैसे भी मुख्यमंत्री अब हफ़्ते मे 4 दिन दिल्ली ही रहने लगे है. बिहार का विकास छोड़ अब लालू यादव को फंसाना और सृजन घोटाले में ख़ुद को बचाना ही उनका लक्ष्य रह गया है.
तेजस्वी ने बिहार की जनता को संबोधित करते हुए लिखा – ‘प्रिय बिहारवासियों, आप हैरान नही होना अगर आपको इस साल एक और सरकार बिहार में देखने को मिले. नीतीश कुमार घोटालों से फँसी अपनी गर्दन बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है.’ तेजस्वी के अनुसार, एक तरफ़ आज माघ पूर्णिमा के दिन फतुआ के मस्तान घाट के पास प्रशासन की घोर लापरवाही से गंगा में नाव डूबने से 5 लोगों की दर्दनाक मौत हुई है. वहीं मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली मे डेरा डाले है. कुछ गरीब जनता पर ध्यान दिजीए साहब ! कुर्सी ही सब कुछ नहीं है, मानवता का ख़्याल रखिए. आपके साथ भाजपा ने जो करना है वह होकर रहेगा. आपके पास वह जनसमर्थन नहीं जो आप मोदी जी की वर्तमान भाजपा से बच जाइयेगा.