राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के दोनों मंत्री पुत्रों तेजस्वी यादव (उप मुख्यमंत्री) और तेजप्रताप यादव (स्वास्थ्य , पर्यावरण एवं वन मंत्री) के पिछले विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने के कारण उनका चुनाव रद्द करने की मांग करते हुये आज पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई।
पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन की अदालत में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने जनहित याचिका दायर कर तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव के साथ ही उनके परिवार की घोषित एवं अघोषित संपत्ति की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने, अघोषित संपत्ति को जब्त करने और इनके खिलाफ बेनामी संपत्ति लेनदेन निरोधक अधिनियम, 1988 के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने नामांकन में संपत्ति से जुड़े तथ्य छुपाने को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 125 (ए) के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए मामले में तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव के चुनाव को रद्द करने की भी मांग की है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में हुये विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ने राजद की टिकट पर वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र से और तेजप्रताप यादव महुआ विधानसभा क्षेत्र से विजयी हुये थे।